Chandigarh 31st July 2016 : फ़ूड कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया के रिटायर्ड ऑफिसर्स(पंजाब/हरियाणा)की एक अहम् बैठक चंडीगढ़ प्रेस क्लब में आज पेंशन्स में वृद्धि को लेकर आयोजित की गयी।
बैठक को संबोधित करते हुए सुरिंदर वर्मा और दीदार सिंह ने कहा कि एफ सी आई ने अपनी पेंशन पालिसी लागू ही नही की जब की इसी की तरह स्वायत बॉडी एल आई सी ने अपनी पेंशन पालिसी को लागू कर दिया है।दीदार सिंह ने आगे कहा क़ि तमिलनाडु और केरल सरकार ने कर्मचारी पेंशन योजना के अंतर्गत नियमो में संशोधन कर दिया है। इसी प्रकार स्थानीय सरकार भी अपने नियमो में संशोधन कर सकती है परन्तु अब तक पेंशन में किसी प्रकार कोई वृद्धि नही की गयी है। उन्होंने कहा क़ि 13-14 वर्षो से महंगाई आसमान छू चुकी है परन्तु इन वर्षो में सरकार द्वारा उनकी पेंशन योजना को दरकिनार करते हुए एक रुपया तक नही बढ़ाया गया।
वही इस अवसर पर विजय कुमार वाही और अधिवक्ता हरनेक सिंह ने कहा क़ि वर्ष 2010 में सांसदों की आय में तीन गुना वृद्धि की गयी है जब क़ि सरकारी कर्मचारी पेंशन धारको को वर्ष में दो बार महंगाई भत्ता मिलता है। विजय वाही ने आगे कहा क़ि भारत सरकार द्वारा निजी क्षेत्र के पेंशन धारको को सौ महीने से अधिक् का समय बीत चूका है पर उनको उनकी असल पेंशन भी नही दी गयी है। भारत सरकार गरीब वरिष्ठ कर्मचारियों/नागरिको के साथ सौतेला व्यवहार ही नही कर रही बल्कि उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ भी कर रही है।
बैठक को संबोधित करते हुए सुरिंदर वर्मा और दीदार सिंह ने कहा कि एफ सी आई ने अपनी पेंशन पालिसी लागू ही नही की जब की इसी की तरह स्वायत बॉडी एल आई सी ने अपनी पेंशन पालिसी को लागू कर दिया है।दीदार सिंह ने आगे कहा क़ि तमिलनाडु और केरल सरकार ने कर्मचारी पेंशन योजना के अंतर्गत नियमो में संशोधन कर दिया है। इसी प्रकार स्थानीय सरकार भी अपने नियमो में संशोधन कर सकती है परन्तु अब तक पेंशन में किसी प्रकार कोई वृद्धि नही की गयी है। उन्होंने कहा क़ि 13-14 वर्षो से महंगाई आसमान छू चुकी है परन्तु इन वर्षो में सरकार द्वारा उनकी पेंशन योजना को दरकिनार करते हुए एक रुपया तक नही बढ़ाया गया।
वही इस अवसर पर विजय कुमार वाही और अधिवक्ता हरनेक सिंह ने कहा क़ि वर्ष 2010 में सांसदों की आय में तीन गुना वृद्धि की गयी है जब क़ि सरकारी कर्मचारी पेंशन धारको को वर्ष में दो बार महंगाई भत्ता मिलता है। विजय वाही ने आगे कहा क़ि भारत सरकार द्वारा निजी क्षेत्र के पेंशन धारको को सौ महीने से अधिक् का समय बीत चूका है पर उनको उनकी असल पेंशन भी नही दी गयी है। भारत सरकार गरीब वरिष्ठ कर्मचारियों/नागरिको के साथ सौतेला व्यवहार ही नही कर रही बल्कि उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ भी कर रही है।
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