पंजाबी फिल्म ‘तूफ़ान सिंह’ की टीम ने लगाए सेंसर बोर्ड पर कई इलज़ाम
चंडीगढ़, 30 अगस्त. पंजाबी फिल्म ‘तूफ़ान सिंह’ की टीम ने आज यहाँ एक प्रेस वार्ता में भारतीय सेंसर बोर्ड की गतिविधियों पर कई सवाल खड़े किए. फिल्म की टीम ने दोष लगाया कि सेंसर बोर्ड बिना किसी ठोस दलील के फिल्म को सेंसर सर्टिफिकेट जारी नहीं कर रहा. इस वार्ता में फिल्म के निर्माता जरनैल सिंह, निर्देशक बघेल सिंह के अलावा फिल्म के मेन लीड रणजीत बावा, बॉलीवुड एक्टर यशपाल शर्मा, सरदार सोही और सुनीता धीर हाज़िर रहे.
फिल्म के सह-निर्माता और निर्देशक ने कहा कि ‘तूफ़ान सिंह’ भाई जुगराज सिंह उर्फ़ तूफ़ान सिंह की ज़िन्दगी पर आधारित है. उनके मुताबिक़ ‘रॉयल सिने आर्ट्स’ के बैनर तले निर्माता दिलबाग सिंह की तरफ से बनाई गई यह फिल्म किसी धर्म या समुदाय से संबंध नहीं रखती. भाई जुगराज सिंह वो शूरवीर थे जिन्होंने समाज के विरोधियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी और समाज को कई बुराइयों से मुक्त करवाया. यह फिल्म किसी भी धर्म या व्यक्ति-विशेष की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाती. इस के बावजूद सेंसर बोर्ड इसे रिलीज़ करने के लिए सर्टिफिकेट जारी नहीं कर रहा.
फिल्म की टीम ने बताया कि यह फिल्म सेंसर बोर्ड की पांच सदस्यों की समिति ने देखी थी जिनमें से तीन सदस्यों ने फिल्म को सर्टिफिकेट जारी करने से इनकार करते हुए इसे उच्च सदस्यों की समिति और चेयरमैन को दिखाने के लिए कहा. चेयरमैन और उच्च अधिकारियों ने भी फिल्म देखने के बाद इस से संबंधित कोई भी फैसला लेने से इनकार कर दिया. इस सब के बाद फिल्म ट्रिब्यूनल समिति के पास भेजी गई है, जहां से अभी फैसला आना बाकी है.
फिल्म के मुख्य अदाकार रंजीत बावा ने कहा कि उन्होंने इस फिल्म के लिए बेहद मेहनत की है. फिल्म में कुछ भी ऐसा नहीं है जिस से किसी के मन को ठेस पहुंचे. सेंसर बोर्ड को तो सिर्फ सर्टिफिकेट जारी करना चाहिए और बाकी फैसला दर्शकों के हाथ में छोड़ना चाहिए.
यशपाल शर्मा ने भी सेंसर बोर्ड की इस हरकत पर अफ़सोस जताया. उन्होंने कहा कि सेंसर बोर्ड के ऐसे बेबुनियादी फैसलों के चलते कई हकीक़तें और समाज की सचाई दर्शकों तक नहीं पहुँच पाती. सरदार सोही ने कहा कि ऐसा करना सीधे तौर पर कला के साथ धोखा है. अंत में फिल्म की पूरी टीम ने एकमत हो कर कहा कि अगर फिल्म रिलीज़ नहीं की जाती तो वे हर तरह की कानूनी लड़ाई लड़ेंगे.
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