वी आर एस दिए जाने की मांग की

CHANDIGARHसीजनल परमानेंट कर्मचारी यूनियन शुगर मिल पंजाब ने आज शुगरफेड पंजाब के चेयरमैन को मांग पत्र सौंपा। जिसमें उन्होने अकाली सरकार दवारा शुगर फेड कर्मचारियों के वादों को लागू करने एवम् उनकी वी आर एस को लागू करने माँग की । गौरतलब है कि 2005 मे कांग्रेस सरकार के समय शुगर फेड क़े अस्थायी वर्करो के लिए स्थाई वर्करों के बराबर की घोसणा की थी। जिसे अकाली सरकार ने भी लागु करने की घोषणा की, परंतु अभी तक सरकार अपनी बातो पर खरी नही उतरी अपनी उन्ही मांगो को लेकर पंजाब के पाँच शुगर मिलों के कर्मचारियों ने फेज 2 शुगर फेड के दफ्तर में धरना और अपनी मांगो के सम्बन्ध में एक मांग पत्र शुगरफेड पंजाब के चेयरमैन सुखवीर सिंह वाहला सौंपा। चेयर मैन ने राज्य के 5 जिलो से आये कर्मचारियों से माँग पत्र ले कर भरोसा दिलाया की वे इन मांगो के पुरा कराने के लिए मुख्य मन्त्री प्रकाश सिंह बादल ओर उप मुख्यमन्त्री सुखबीर सिंह बादल से बात करेँगे।
यूनियन के प्रधान सुरजीत सिंह ने बताया की ज़ीरा,तरनतारन,फरीदकोट,जगराओं और रखड़ा(पटियाला) सहित 5 शुगर मिलो को वर्ष 2005 में बंद कर दिया गया था।इन 5 मिलो के कर्मचारी 2011 में नौकरी से निकाल दिया गया था।जब की जो कर्मचारी रेगुलर थे उन्हें वी आर एस देकर फारिग कर दिया गया।सीजनल परमानेंट कर्मचारियों को अप्रैल 2005 में रेट्रेंचमेंट कर दिया गया था जिसके आर्डर उन्हें वर्ष 2012 में दिए गए।वर्ष 2005 से लेकर 2012 तक इन कर्मचारियों को इन्क्रीमेंट भी लगा था।जिससे ये सपषट है की सीजनल परमानेंट कर्मचारियों के साथ वी आर एस का नाम देकर रेट्रेंचमेंट करके धक्का किया गया था।राज्य के मुख्या मंत्री ने खडूर साहिब उपचुनाव में इन कर्मचारियों से उन्हें वी आर एस देने का वायदा किया था।जो की आज तक पूरा नही हुआ।उन्होंने कहा की मांग पत्र के माध्यम से उन्होंने राज्य के मुख्या मंत्री और उप मुख्य मंत्री से भुखमरी और बदहाली का जीवन जी रहे इन 1200 परिवारो को सड़को पर उतरने की इजाजत भी मांगी गयी है ताकि धरना प्रदर्शन कर वो सरकार का ध्यान अपनी ऑर खींच सके।इसलिए उनकी मांग पर गौर कर उन्हें वर्ष 2005 से वर्ष 2011 तक रिटेनिंग की बाकी राशि दी जाए और वर्ष 2011 के बाद रेगुलर कर्मचारियों की तरह उन्हें भी वी आर एस का लाभ दिया जाये।

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