Chandigarh 05th September 2016 : मुकुल कुमार जो की १९९७ बैच के आई एस दिल्ली में रेल मंत्रालय में निदेशक के तौर पर तैनात हैं का यह पहला उपन्यास, "एज़ बॉयज बिकम मेन " को रूपा पब्लिकेशन ने प्राकीशत किया हे, ने बताया कि यह किताब सिविल सर्विसेज की तयारी कर रहे युवाओं के लिए भी अछि साबित होगी क्योंकि इसमें उन्हें क्या नहीं करना चाहिए, की भी सलाह दी गयी है.
यह तीन दोस्तों की कहानी है जो की जीवन के कई पहलुओं की कशमकश को दर्शाते हैं और जीवन के फलसफे और सोच को बहुत ही सहज ढंग से वर्णित करता है.
मुकुल कुमार ने कि उन्हें इस उपन्यास को लिखने में करीब छे महीने का समय लगा लेकिन वह काम के बाद नियमित एक घंटे इसको लिखने में लगते थे.
उनकी कविताये पहले कई राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर प्रकशित हो चुकी हैं, और २००४ के एक कावय संग्रह "वर्सटाइल" में छपी गयी और २०१२ में उनका अपना कविता संग्रह, "द इर्रेप्रेसिबले एकॉ " प्रकाशित हुई.
२२० पन्नों की इस उपन्यास का मुल्ये Rs २५० है.
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