उन्होने आगे बताया कि लगभग 400 एकड़ भूमि पर फैले समागम-स्थल पर सत्संग पंडाल के अलावा श्रद्धालु भक्तों के ठहरने तथा भोजन इत्यादि का प्रबन्ध भी किया जाएगा। इसके लिए सेवादल के सदस्य तथा अन्य श्रद्धालु भक्त दिन-रात यहाँ सेवा करेंगे। समागम-स्थल पर जहाँ पानी, बिजली तथा सिवरेज जैसी सुविधाओं का व्यापक प्रबन्ध किया जाएगा वहीं सभी के लिए लंगर, कैन्टीन तथा डिस्पैंसरी इत्यादि भी सभी मैदानों में उपलब्ध कराई जाएंगी।
इस अवसर पर सेवादल सदस्यों तथा अन्य श्रद्धालु भक्तों को सबोधित करते हुए सद्गुरू माता जी ने कहा कि पिछले वर्षों के दौरान बाबा हरदेव सिंह जी महाराज ने समागम की रूप-रेखा को एक सुंदर रूप दिया है। अगर हम उसी रूप-रेखा पर कार्य करे तो आने वाला समागम भी सुंदर ही होगा।
सद्गुरू माता जी ने आगे कहा कि जैसे बाबा जी अकसर कहा करते थे कि कोई सेवा छोटी या बड़ी नहीं होती। हमें केवल नि:स्वार्थ होकर सेवा करनी है। अपने अहंकार या ’मैं’ की भावना को परे रखते हुए जो भी सेवा मिले उसे निभायें। बाबा जी स्वयं सेवादल की वर्दी पहनकर कई वर्षों तक नि:स्वार्थ सेवा करते रहे।
सद्गुरू माता जी ने आगे कहा कि कई श्रद्धालु भक्त अभी से अपनी पारिवारिक जि़मेवारियों तथा आराम की परवाह किये बगैर समागम की आरम्भिक तैयारियों की सेवा में भाग ले रहे हैं। उन्होंने सभी को समागम की तैयारियों को सुंदर रूप देने का आह्वान किया जिससे आने वाले श्रद्धालु भक्तों को हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हो।
सद्गुरू माता जी ने प्रत्येक बच्चे, जवान और बुजुर्ग़ श्रद्धालु भक्तों को समागम में सेवा के लिए तंदुरुस्ती तथा खुशी के लिए आशीर्वाद दिया। उन्होंने सभी को मिशन के लिए भविष्य में भी योगदान देने की प्रेरणा दी।
इससे पूर्व सेवादल के मेम्बर इंचार्ज तथा समागम के संयोजक, श्री वी.डी. नागपाल जी ने सद्गुरू माता जी से आशीर्वाद की कामना की कि सभी सेवादार भक्ति की भावना, समर्पण तथा निष्काम भाव से मैदानों में सेवा करें।
श्री नागपाल जी ने कहा कि सभी दिल्ली तथा ग्रेटर दिल्ली के श्रद्धालु भक्तों के लिए सेवाओं के बारे में बताया जा चुका है ताकि प्रत्येक भक्त इस महान कार्य में भाग ले सके। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सभी दी गई सेवाओं को निभाऐंगे।
इससे पूर्व सद्गुरू माता जी के समागम-स्थल पर आगमन के समय केन्द्रीय योजना तथा सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष श्री गोबिन्द सिंह जी तथा श्री जे.आर.डी. ’सत्यार्थी’ जी, प्रधान संत निरंकारी मण्डल ने फूलों के गुलदस्तें से स्वागत किया।
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