दिल्ली में औद्योगिक फ्रंट पर आप सरकार की नाकामियां गिनाईं

चंडीगढ़, 23 अक्तूबर: पंजाब कांग्रेस ने चुनावी दौर का सामना कर रहे राज्य में अरविंद केजरीवाल के दिल्ली की तर्ज पर उद्योगों को प्रमोट करने संबंधी वायदे पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए राष्ट्रीय राजधानी में उनकी सरकार की नकामियां दर्ज करवाई हैं और कहा है कि पंजाब के उद्योग दिल्ली के रास्ते पर नहीं चलना चाहते हैं।
पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कहा है कि यदि दिल्ली की आप सरकार के ट्रैक रिकॉर्ड की बात की जाए, तो पंजाब के व्यापार व उद्योग के लिए बहुत चिंता का विषय है। जिन्होंने केजरीवाल को पंजाब में झांकने से पहले अपना धर सुधारने को कहा है। 
प्रदेश कांग्रेस ने कहा कि यह अफसोसजनक है कि आप ने अपने पंजाब के लिए इंडस्ट्री मैनिफैस्टो को दिल्ली में आप सरकार की तर्ज पर पंजाब में ईमानदार बिजनेस प्रमोट करने का एक वायदा बताय है। जिस पर पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने कहा है कि यदि ये पंजाब में भी सचमुच वह सब करने की कोशिश कर रहे हैं, जो ये दिल्ली में कर रहे हैं, तो इस राज्य में व्यापार और उद्योग के लिए कोई उम्मीद नहीं बचेगी।
पंजाब कांग्रेस के नेताओं राणा गुरजीत सिंह, केवल सिंह ढिल्लों व ओ.पी सोनी ने यहां जारी बयान में कहा है कि आप शासन में दिल्ली में उद्योगों समेत सभी क्षेत्र आर्थिक विकास के मामले में अपना आस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। 
उन्होंने इंस्पैक्टर राज खत्म करने संबंधी आप के वायदे को एक मजाक करार देते हुए खुलासा किया है कि 2014 में दिल्ली में 49 दिन के शासन के दौरान आप सरकार ने 151 छापामारियां की थीं, जो इनके इंस्पैक्टर राज संबंधी ऐलान की सोच का खुलासा करता है। 
इसी तरह, वैट घटाने का वायदा, आप द्वारा दिल्ली में रचा गया एक अन्य स्वांग है, जिसे अब केजरीवाल पंजाब में भी रचने की योजना बना रहे हैं। पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने खुलासा किया कि दिल्ली में इनकी सरकार न सिर्फ कम-से-कम 11 वस्तुओं को वैट के तहत लाई, बल्कि दिल्ली में वैट के रेट को 30 प्रतिशत तक कर दिया गया और एक कदम और आगे बढ़ाते हुए 2016 में पैट्रोल व डीजल पर वैट कम-से-कम 2 प्रतिशत बढ़ा दिया गया।
आप मैनिफैस्टो में टैक्स प्रणाली व वैट फाइलिंग सरल बनाने संबंधी किए वायदे पर प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि दिल्ली की उदाहरण शायद ही इसे सरल बना सके। इस क्रम में आप सरकार द्वारा लाया गया दिल्ली सुगम-1 (डी.एस-1) फार्म व्यापारी के लिए प्रत्येक बिल के लिए तय तरीके से 17 तरह की जानकारी जमा करना जरूरी बनाता है। जिसने कामकाज में रुकावट डालने समेत वस्तुओं के अंतर्राज्यीय व्यापार पर भी बुरा असर डाला है।
जिसके बाद पंजाब में बिजली के रेट कम करने संबंधी दावों पर पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने केजरीवाल को बताने को कहा है कि क्यों दिल्ली में उद्योगों के लिए बिजली के रेट 9.02-9.92 रुपए प्रति युनिट हैं, जो पड़ोसी राज्य हरियाणा और यहां तक कि पंजाब में स्माल स्केल इंडस्ट्री के लिए तय रेट से भी अधिक हैं।
पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने पूछा है कि क्यों उन्होंने दिल्ली की सत्ता में आने पर एक साल के अंदर सभी कालोनियां रेगुलर करने का वायदा तोड़ा।
केजरीवाल को पंजाब में रियल एस्टेट सैक्टर को दोबारा खड़ा करने का वायदा करने से पहले खुद जवाब देना चाहिए कि क्यों दिल्ली-एन.सी.आर. में 2016-2017 की पहली तिमाही में सबसे अधिक बगैर बिके युनिट थे, जिसका मतलब 2.65 लाख घर बिके नहीं थे। जिस पर प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने जानना चाहा है कि दिल्ली में हाउसिंग सैक्टर की गिरावट को रोकने के लिए आप सरकार ने क्या कदम उठाए हैं?
आप द्वारा पंजाब में ट्रांसपोर्ट सैक्टर को सियासत से मुक्त करने संबंधी वायदे पर भी पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने सवाल किए हैं, जिन्होंने खुलासा किया है कि केजरीवाल के अपने पूर्व ट्रांसपोर्ट मंत्री गोपाल राय को दिल्ली में ट्रांसपोर्ट घोटाले के तहत काबू किया गया था। एक अन्य 100 करोड़ रुपए के ट्रांसपोर्ट घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री के सचिव राजिंदर कुमार शामिल हैं। ऐसी व्यवस्था से कैसे पंजाब को ट्रांसपोर्ट माफिया से मुक्त किए जाने की उम्मीद की जा सकती है।
जबकि वह पंजाब में टैक्स घटाने की बात कर रहे हैं, वास्तविकता तो यह है कि दिल्ली की ट्रांसपोर्ट दोहरे टैक्सों की मार झेल रही है, जिनमें एक ग्रीन टैक्स व दूसरा उनके शासन में बढ़ाया गया टोल टैक्स है।
प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि शराब माफिया से मुक्ति दिलाने का एक अन्य वायदा कहीं भी खड़ा नहीं दिखाई देता। जिन्होंने खुलासा किया है कि दिल्ली सरकार ने लोगों की सलाह लिए बगैर करीब 400 शराब की दुकानों को लाइसैंस जारी किए थे।
केजरीवल के पंजाब इंडस्ट्री मैनिफैस्टो में फोकस किए गए एक क्षेत्र टूरिज्म सैक्टर बारे पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि इनकी दिल्ली सरकार द्वारा बजट 2015-16 में टूरिज्म सैक्टर के लिए रखी गई रकम का 94 प्रतिशत मार्च, 2016 में बगैर खर्च पाया गया था।
पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि केजरीवाल सरकर न सिर्फ स्ट्रीट वैंडर एक्ट लागू करने में विफल रही है, बल्कि 5 लाख रेहड़ी-फहड़ी वाले दिल्ली में जबरन हटाए जाने के चलते परेशानी का सामना कर रहे हैं, जिस कारण यहां फैरी वालों द्वारा सख्त रोष जताया जा रहा है।
यहां तक कि बेरोजगारी के साथ मुकाबला करने में दिल्ली की आप सरकार अपने 8 लाख नौकरियां देने के टारगेट से पीछे चल रही है, जिसने अभी तक 1417 नौकरियां दी हैं।
पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल के उद्योग विरोधी कदमों की सूची बहुत लंबी है, जिससे सिर्फ यह पता चलता है कि आप पंजाब के उद्योगों की समस्याएं सुलझाने के लिए काबिल नहीं है, जो पहले ही बादल के शासन में बदतर हालातों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने पंजाब के व्यापारी व उद्योग वर्ग को केजरीवाल के झूठे व गुमराहपूर्ण वायदों के खिलाफ उनके अपने और पंजाब की तरक्की के हित में चेतावनी दी है।
पार्टी ने केजरीवाल द्वारा आप मैनिफैस्टो में किए गए झूठे वायदों के ढेर को सिरे से खारिज किया है, जो पहले से बादल शासन में मंदी का सामना कर रहे पंजाब के उद्योगों को कभी भी पूरा न किया जा सकने वाला नुक्सान पहुंचाएंगे।

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