चंडीगढ़, नवंबर 16,2016 सिटिजन्स अवेयरनेस ने नई दिल्ली की संस्था, वॉलंट्री ऑर्गनाइज़ेशन इन द इंटरेस्ट ऑफ कंज़्यूमर एजुकेशन यानी वॉइस(VOICE) के सहयोग से बुधवार को शहर के सेक्टर-17 में ‘वॉल्क फॉर सेफर रोड्स’ नाम के शांतिपूर्ण कैंडल मार्च का आयोजन किया।ये मार्च सड़क हादसों में मारे गए लोगों के यादगार दिवस मनाने और सबके लिए सुरक्षित सड़कों की मांग को लेकर आयोजित कियागया था। इस दौरान दुनियाभर में सड़क हादसों के शिकार हुए लोगों को उनके परिजनों और मित्रों ने याद किया।
समाज के विभिन्न वर्गों ने इस पैदल यात्रा में हिस्सा लेकर सुरक्षित सड़कों की मांग को अपना समर्थन दिया। सेक्टर 10 के डीएवीकॉलेज के कई छात्रों ने इस मुहिम में हिस्सा लेते हुए सरकार से सड़कों पर सुरक्षा प्रदान करने की मांग की। इसके अलावा सड़क हादसोंमें खुद गंभीर रूप से घायल हो चुके लोगों ने भी आगे आकर इस मुहिम को अपना समर्थन दिया। इस पैदल यात्र में चंडीगढ़ के महापौरअरुण सूद भी शामिल हुए। वहीं चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस विभाग ने सेक्टर 17 प्लाज़ा में लोगों को ट्रैफिक नियमों के बारे में जागरूककिया।
ज्यादा जानकारी देते हुए, सिटिज़न्स अवेयरनेस ग्रुप के चेयरमैन, सुरिंदर वर्मा ने कहा, “केंद्रीय स ड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालयके आंकड़ों के मुताबिक साल 2015 में हर दिन 400 से ज्यादा लोग सड़क हादसों में मारे गए जिसका मतलब है कि हर 3.6 मिनट केभीतर एक मौत हुई है। स्थिति कितनी गंभीर है, इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि साल 2015 में भारत में 1,46,133लोग सड़क हादसों का शिकार हुए जो साल 2014 के मुकाबले 4.6 प्रतिशत ज्यादा है जब 1,39,671 लोगों ने अपनी जानें गवाईं थी। साल2015 में हरियाणा उन 13 राज्यों में शीर्ष पर है जहां सबसे ज्यादा सड़क हादसे हुए। वहीं पंजाब उन 13 राज्यों में सबसे ऊपर है जहां2015 में सबसे ज्यादा मौते हुईं। हालांकि चंडीगढ़ में सड़क हादसों में मारे जाने वालों की संख्या काफी कम हुई है”।
वर्मा ने कहा, “सड़क हादसे एक महामारी की तरह है जिसे सरकार नज़रअंदाज़ नहीं कर सकतीं। सभी संबंधित क्षेत्र- चाहे वो रोडडिज़ाइन हो, ड्राईविंग स्किल हो, ट्रैफिक प्रबंधन हो, वेहिकल डिज़ाइन हो, पुलिस व्यवस्था या प्रवर्तन हो – सब पर एक सख्त व्यापकसड़क सुरक्षा कानून के ज़रिए ध्यान देना होगा। इस संबंध में हम हरियाणा परिवहम मंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपेंगे”।
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