चंडीगढ़, 30 दिसंबर- हरियाणा को कैशलेस बनाने की दिशा में हरियाणा शिक्षा विभाग ने एक  नया कदम उठाते हुए स्कूलों के 6 लाख 50 हजार छात्रों को मोबाइल फोन के माध्यम से कैशलेस ट्रांजेक्शन की जानकारी दी जाएगी और इन छात्रों से अपील की जाएगी कि वे भी कैशलेस के संबंध में अपने परिवारों को जानकारी दें। 
यह जानकारी आज यहां हरियाणा के स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री पी. के. दास ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान दी। 
उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से कैशलेस योजना को छात्रों के माध्यम से उनके परिवारों तक पहुंचाने का यह अनूठा निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत गांव के नजदीकी बैंक शाखा में एक बैंक खाता खोला जाएगा, जिसमें नोडल अध्यापक का एक खाता खुलवाया जाएगा और उस बैंक का ‘ई-वॉलेट’ डाउनलोड किया जाएगा। स्कूल में पढऩे वाले बच्चों के अभिभावक जिनका खाता भी उस बैंक में होगा वे भी उस बैंक का ‘ई-वॉलेट’ डाउनलोड करेंगे। इससे अभिभावक ‘ई-वॉलेट’ के जरिए फीस सीधे नोडल अध्यापक के खाते में भेज सकेंगे। 
उन्होंने बताया कि इस बैंक खाते से कैश नहीं निकाल सकेंगे और फीस सीधे विभाग के खाते में जमा होगी। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा दी जाने वाली सुविधाए जैसे किताबें, वर्दी और छात्रवृत्ति पहले से ही कैशलेस की जा रही हैं। छात्रवृत्ति सीधे बच्चों के खातों में भेजी जा रही है। 
श्री दास ने कहा कि नौंवी से 12वीं तक सरकारी स्कूलों में करीब साढ़े छह लाख बच्चे पढ़ रहे हैं, इन बच्चों को स्मार्टफोन के जरिए कैशलेस ट्रांजेक्शन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक क्लस्टर पर एक सहायक प्रबंधक होगा, जिसकी शैक्षणिक शिक्षा एम.सी.ए या बी.टेक होगी। उन्होंने कहा कि यदि प्रत्येक स्कूल का एक अध्यापक जो यह कार्य करने में सक्षम होगा उन्हें भी इस योजना के अंतर्गत लाकर प्रशिक्षण दिया जाएगा और ये अध्यापक नौंवी से 12वीं तक के बच्चों को इस योजना की जानकारी देंगे। 
श्री पी. के. दास ने बताया कि बच्चों से अपील की जाएगी कि वह अपने परिवार में कैशलेस योजना की जानकारी दें और उन्हें इस प्रक्रिया के बारे में सिखाएं। इस तरह शिक्षा विभाग करीब 7 लाख से ज्यादा परिवारों को कैशलेस ट्रांजक्शन के लिए तैयार करेगा।

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