चंडीगढ़, 12 जनवरी - हरियाणा सरकार ने सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिये हैं कि वे अपने-अपने विभागों में धोखाधड़ी, लापरवाही इत्यादि के कारण सामग्री (स्टोर) व सार्वजनिक धन के हुए नुकसान के लम्बित मामलों की सूची तैयार करें और दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों की जवाबदेही निर्धारित करके उनका निपटान करें।
वित्त विभाग द्वारा इस आशय का एक परिपत्र सभी विभागाध्यक्षों तथा सभी मण्डलायुक्तों, को भेजा गया है। इस सम्बन्ध में परिपत्र में कहा गया है कि विभाग में प्रणालियों और प्रक्रियाओं में कमी के परिणामस्वरूप कभी-कभी विभाग में नुकसान, कमी, अनियमितता, चोरी, लूट और धोखाधड़ी या तोडफ़ोड़ की घटनाएं हो जाती हैं। इसलिये, प्रत्येक विभाग ऐसी कमियों की पहचान करे और उनमें आवश्यक सुधारात्मक कार्यवाही करने के लिये प्रणालियों और प्रक्रियाओं की समीक्षा करे।
परिपत्र में सभी विभागों को निर्देश दिये गए हैं कि सभी तरह के नुकसान को विधिवत रूप से दर्ज किया जाए और दोषी व्यक्तियों या कर्मचारियों की जवाबदेही निर्धारित करने के उपरांत एक वर्ष के भीतर वसूल न किये जा सकने वाले नुकसान को बट्टे खाते में डालने के लिये सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति प्राप्त की जाए। नुकसान को बट्टे खाते में डालने के लिये वित्त विभाग को मामले भेजने से पूर्व सदैव सबसे पहले कर्मचारी की धोखाधड़ी या लापरवाही के कारण सरकार को हुए नुकसान के लिये सम्बन्धित कर्मचारी की जवाबदेही निर्धारित की जाए। सम्बन्धित अधिकारी को भी व्यक्तिगत रूप से धोखाधड़ी या लापरवाही से होने वाले नुकसान के लिये उत्तरदायी ठहराया जाए।
वित्त विभाग द्वारा इस आशय का एक परिपत्र सभी विभागाध्यक्षों तथा सभी मण्डलायुक्तों, को भेजा गया है। इस सम्बन्ध में परिपत्र में कहा गया है कि विभाग में प्रणालियों और प्रक्रियाओं में कमी के परिणामस्वरूप कभी-कभी विभाग में नुकसान, कमी, अनियमितता, चोरी, लूट और धोखाधड़ी या तोडफ़ोड़ की घटनाएं हो जाती हैं। इसलिये, प्रत्येक विभाग ऐसी कमियों की पहचान करे और उनमें आवश्यक सुधारात्मक कार्यवाही करने के लिये प्रणालियों और प्रक्रियाओं की समीक्षा करे।
परिपत्र में सभी विभागों को निर्देश दिये गए हैं कि सभी तरह के नुकसान को विधिवत रूप से दर्ज किया जाए और दोषी व्यक्तियों या कर्मचारियों की जवाबदेही निर्धारित करने के उपरांत एक वर्ष के भीतर वसूल न किये जा सकने वाले नुकसान को बट्टे खाते में डालने के लिये सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति प्राप्त की जाए। नुकसान को बट्टे खाते में डालने के लिये वित्त विभाग को मामले भेजने से पूर्व सदैव सबसे पहले कर्मचारी की धोखाधड़ी या लापरवाही के कारण सरकार को हुए नुकसान के लिये सम्बन्धित कर्मचारी की जवाबदेही निर्धारित की जाए। सम्बन्धित अधिकारी को भी व्यक्तिगत रूप से धोखाधड़ी या लापरवाही से होने वाले नुकसान के लिये उत्तरदायी ठहराया जाए।
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