परिणामों के लिए खट्टर सरकार जिम्मेवार : यषपाल मलिक
Chandigarh 30 Jan. 2017 : अभी हाल ही में हरियाणा में हुए जाट आंदोलन के दौरान हुए दंगो से दिल ठंडा तक नही हुआ लेकिन फिर से जाट आंदोलन या साफ साफ कहें तो
हैं | देखा जाये तो सीधा सीधा भाजपा सरकार और खट्टर सरकार को चुनौती के रूप में ये
दंगे फिर से अपना होंसला बुलंद करने वाले हैं | अगर सरकार ने इसे गंभीरता से नही लिया तो हरियाणा में गत माह पहले हुए दंगे और आगजनी फिर से एक बार दोबारा भयानक रूप ले लेगी | जिस कारण कई जातियों को हरियाणा प्रदेश से पलायन करने पर मज़बूर होना पड़ेगा | इसके लिए पूर्णतः मौजूद हरियाणा सरकार एवम मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जिम्मेवार होंगे | जैसा कि जाट नेताओं ने हाल ही में अपने बयानों में कहा भी है |
प्राप्त जानकारी के अनुसार हरियाणा के रोहतक और झज्जर जिलों के हालात अभी से ही नाजुक बन चुके है जिसके चलते हरियाणा सरकार के कई कर्मचारियों कि कार्यशैली भी संदिग्ध नज़र आ रही है | इसका मुख्यतः कारण हरियाणा सरकार के विभागों में जाटों का काबिज़ होना है चाहें वो पुलिस विभाग हो चाहे चौकसी ब्यूरो हो या फिर कोई उपायुक्त और एसडीएम जैसे जिम्मेवार पदों पर आसीन हो | बहरहाल देखना अब ये है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर या उनकी भाजपा सरकार किस प्रकार से इन दंगा कर्ताओं पर काबू पायेगी | किस प्रकार से प्रदेश में अमन चैन कायम रखने में कारगर सिद्ध हो पाती है | प्रश्न अभी भी यही खड़ा हुआ है कि जाटों कि नाजायज मांगो के आगे घुटने टेकती है या संविधान का उल्लंघन करने वाले प्रदर्शनकारियों को सजा देने में कामयाब हो जाती है |
अगर हम अपने अतीत में नज़र दौड़ाते हैं तो कितना नुकसान हरियाणा प्रदेश के भोली भाली जनता, कारोबारी, उद्योगपतियों को उठाना पड़ा था | इस नुकसान कि भरपाई तक नही हो पायी थी कि अब फिर से जाटों के भड़काऊ सन्देश और उनकी गतिविधियां कहीं न कहानी संदिग्थ नज़र आ रही है |
प्राप्त जानकारी के अनुसार हाल ही मेंअखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री यषपाल मलिक ने बताया कि जब से प्रदेष में भाजपा की सरकार आई है, हर बार जाट आरक्षण आन्दोलन की आवाज उठाने से पहले हरियाणा सरकार के जिम्मेवार अधिकारी व मंत्री जाट समाज को अपने धमकी भरे बयानों से धमकाने व डराने की कोषिष करते हैं जबकि जाट समाज ने जाट आरक्षण के अपने संवैधानिक अधिकारों को प्राप्त करने के लिये हमेषा आन्दोलन व धरनों का सहारा लिया है। फरवरी 2016 में आन्दोलन में हिंसा सरकार की जाटों के ऊपर बर्बरतापूर्ण कार्यवाही व बीजेपी सांसद द्वारा बनाई गई ओ.बी.सी. ब्रिगेड द्वारा जातीय दंगा कराने की साजिष का परिणाम था।
इस अवसर पर राष्ट्रीय महासचिव श्री दर्षन सिंह ने कहा कि हरियाणा प्रदेष में उच्च न्यायालय द्वारा आरक्षण समाप्त करने व माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा 17 मार्च 2015 को जाटों को केन्द्र की ओ.बी.सी. श्रेणी में शामिल करने के नोटिफिकेषन के रद्द होने के बाद जाटों द्वारा 14 फरवरी 2016 को जाट समाज द्वारा हरियाणा में आन्दोलन शुरू किया गया। बीजेपी सांसद राजकुमार सैनी की तथाकथित ओ.बी.सी. ब्रिगेड व भाजपा कार्यकर्त्ताओं द्वारा शान्तिपूर्वक धरनों पर बैठे लोगों पर सुनियोजित हमले कराये गए एवं रोहतक में जाट छात्रों पर हॉस्टल में घुस कर पुलिस द्वारा बर्बरतापूर्ण कार्यवाही कराई गई तथा बीजेपी द्वारा अपने कार्यकर्त्ताओं के माध्यम से जाट महापुरूषों की मूर्तियों, जाट धर्मषालाओं व अन्य संस्थानों और जाट नेताओं के आवासों पर हमले करा जातीय दंगे कराने की साजिष रची गई, जिसके परिणामस्वरूप हरियाणा में 30 भाईयों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा, जिसमें 18 जाट भाईयों पर सीधे मिलिट्री द्वारा बिना किसी चेतावनी दिये गोलियां चलवा कर उनकी हत्या करवाई गई। जबकि हरियाणा एवं केन्द्र सरकार ने जाट समाज के साथ तीन बार 22 फरवरी, 18 मार्च व 18 जून 2016 को जाट आरक्षण देने, आन्दोलन के दौरान दर्ज सभी मुकदमें वापिस लेने एवं सभी घायलों और शहीदों को मुआवजा देने तथा जेलों में बन्द युवाओं को छोड़ने के साथ साथ, सांसद राज कुमार सैनी व दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमें दर्ज करने की शर्तों पर समझौता हुऐ परन्तु उन समझौतों पर अभी तक भी कोई अमल नहीं किया गया। जिसके कारण जाट समाज द्वारा हरियाणा में आज पुनः 29 जनवरी 2017 से अनिष्चितकालीन धरनों की शुरूआत हो गई है और यह धरने तब तक जारी रहेंगे जब तक सभी मुद्दे हल नहीं होते। इस के साथ ही पंजाब, उत्तर प्रदेष व उत्तराखण्ड के विधानसभा चुनाव 2017 में जाट समाज हरियाणा की गोली का बदला चुनाव में बटन दबा कर लेगा। हरियाणा की टीमें गठित कर दी गई हैं जो पंजाब, उत्तर प्रदेष व उत्तराखण्ड के चुनाव में जाकर हरियाणा में जाट समाज के साथ हो रहे अत्याचारों से अवगत करायेंगे।
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