: बादल के साथ मिलकर साजिश रच रही है इनेलो
: सामाजिक संबंधों पर पैरोल का दुरूपयोग कर रहे हैं पूर्व मुख्यमंत्री चौटाला
चंडीगढ। श्रम एवं रोजगार मंत्री नायब सिंह सैनी एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण बेदी ने कहा है कि सतलुज यमुना लिंक नहर की खुदाई का आह्वान कर रही इनेलो जनता को भडकाकर न केवल प्रदेश का माहौल खराब करना चाहती है, अपितु सुप्रीम कोर्ट में हरियाणा का पक्ष कमजोर भी करना चाहती है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि चौटाला परिवार और बादल परिवार मिलकर यह साजिश रच रहे हैं। यही कारण है कि आज सामाजिक संबंधों को दुरूस्त करने के नाम पर पैरोल पर आए पूर्व मुख्यमंत्री एवं जेबीटी मामले में सजायाफ्ता ओमप्रकाश चौटाला प्रदेश में घूम कर एसवाईएल खुदाई के लिए आमजन को बरगला रहे हैं।
आज यहां संयुक्त रूप से बयान जारी करते हुए श्रम एवं रोजगार मंत्री नायब सिंह सैनी एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण बेदी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले में सभी तथ्य हरियाणा के पक्ष में हैं तथा अदालत स्वयं पंजाब को हरियाणा को पानी देने के लिए अपना निर्देश दे चुकी है, ऐसे में इनेलो अडचन पैदा करते हुए हरियाणा के लोगों को भडकाना चाहती है, ताकि आमजन कानून की अवहेलना करें। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा हुआ तो पंजाब को अदालत में हरियाणा द्वारा गलत तरीके अपनाने का आरोप लगाते हुए अपना पक्ष दुरूस्त करने का अवसर मिल जाएगा, जो हरियाणा की जनता के हितों से खिलवाड होगा। 
उन्होंने कहा कि इस मामले में सजायाफ्ता पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला सामाजिक संबंधों को दुरूस्त करने के नाम पर पैरोल पाने के बाद अब प्रदेश में घूमते हुए इनेलो के राजनीतिक अस्तित्व को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि आज हरियाणा की जनता ने इनेलो के छलावे में आकर कानूनी दायरे को तोडने की कोशिश की तो इसका सीधा लाभ पंजाब को जाएगा और सरकार की अदालत में लडाई कमजोर पडेगी। उन्होंने जनता से आह्वान किया कि वह ऐसे किसी आह्वान का समर्थन न करें, जिसमें प्रदेश के हित को नुकसान न पहुंचे, क्योंकि यह समय लठतंत्र में आस्था जताने की बजाय कानून का सम्मान करने का है।
दोनों मंत्रियों ने कहा कि हरियाणा के लिए जीवनदायिनी समझी जाने वाली सतलुज यमुना लिंक नहर पर इनेलो द्वारा खुदाई करने का आह्वान विशुद्ध तौर पर राजनीतिक आह्वान है। हरियाणा के जनता-जर्नादन के हितों से खिलवाड और युवाओं के भविष्य पर ठोकर मारने की सजा बीते 12 साल से भुगत रही इनेलो ने एसवाईएल के मुद्दे पर हरियाणा की जनता को भावनात्मक तरीके से छलने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि जिस एसवाईएल के पानी को हरियाणा तक लाने के लिए इनेलो आज राजनीतिक स्टंट कर रही है, वह उनकी दशकों की गलतियों का ही नतीजा है। प्रदेश गठन के बाद जब एसवाईएल का पानी हरियाणा में पहुंचाने पर काम शुरू हुआ था तो वर्ष 1977 में सबसे पहले चौधरी देवीलाल ने ही एसवाईएल की फाइल को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। 
ठीक दस साल बाद फिर प्रदेश की बागडोर संभाल रहे चौधरी देवीलाल ने ही एसवाईएल का निर्माण कार्य ही रूकवा दिया। 1999 में उनके बेटे ओमप्रकाश चौटाला मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने भी एसवाईएल के निर्माण को लेकर चल रही अदालती प्रक्रिया में हरियाणा के पक्ष को सही तरीके से रखने की बजाय पंजाब के हितों को तव्वजो दी। सुप्रीम कोर्ट में प्रेजिडेंशियन रेफरेंस पर हरियाणा की जनता को धोखे में रखने का काम न केवल ओमप्रकाश चौटाला, अपितु उनके बाद मुख्यमंत्री बने भूपेंद्र ङ्क्षसह हुड्डा ने भी किया। जबकि वर्ष 2014 में भाजपा की हरियाणा में सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस मसले पर अधिकारियों को मजबूती से हरियाणा का पक्ष रखने के निर्देश दिए। इसपर बीते वर्ष सुप्रीम कोर्ट में प्रेजिडेंशियल रेफरेंस पर हरियाणा के हक में निर्णय आया। आज हरियाणा अपने हक को पाने के लिए अदालत के माध्यम से सही दिशा में आगे बढ रहा है। लेकिन महज इसलिए कि यह जीत भाजपा सरकार की जीत होगी। इसलिए व्यवधान उत्पन्न करने की मंशा से इनेलो ने नहर खुदाई की नौटंकी शुरू की है। 

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