चंडीगढ। सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा मंत्री कविता जैन ने रोहतक के जसिया में चल रहे जाट आरक्षण धरना पर मीडियाकर्मियों के साथ की गई बदसलूकी की निंदा की है। मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है, जो कठिन परिस्थितियों के मध्य में आमजन की आवाज बनता है, ऐसे में उसके साथ बदसलूकी किया जाना उचित नहीं है। उन्होंने मीडियाकर्मियों को उचित सुरक्षा दिए जाने का भी भरोसा दिलाया है। 
आज चंडीगढ में पत्रकारों द्वारा जसिया में पत्रकारों के साथ बदसलूकी मामले पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मंत्री कविता जैन ने कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है, जो लंबे समय से विकट परिस्थितियों के अंदर भी अपना सर्वश्रेष्ठ काम करने के लिए तत्पर रहता है। जाट आरक्षण के जसिया में चल रहे धरने के दौरान मीडिया की भूमिका पर सवाल उठाना उचित नहीं है। मीडिया द्वारा प्रदेश में चल रहे धरनों को लेकर लगातार धरनारत लोगों की आवाज को न केवल आमजन तक पहुंचाया है, अपितु सरकार को भी इससे अवगत कराया है। मीडिया दो पक्षों के मध्य हमेशा अपनी भूमिका को बेहतर तरीके से निभाता आ रहा है। जाट आरक्षण धरनों से संबंधित संयोजकों को मीडियाकर्मियों के साथ किसी भी प्रकार की बदसलूकी नहीं होने देने के लिए जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्होंने पत्रकारों की सुरक्षा पर भरोसा दिलाते हुए कहा कि प्रशासन उनकी सुरक्षा के लिए यथोचित कदम उठाएगा, ताकि वह अपनी जिम्मेदारी को निर्भिकता के साथ निभा सकें।
मंत्री कविता जैन ने कहा कि मीडियाकर्मी लोकतंत्र के प्रहरी हैं। वो हमेशा समाज के सामने आइने के तौर पर काम करते हैं तथा सही को सही तथा गलत को गलत दिखाने की हिम्मत रखते हैं। मीडिया की भूमिका को कभी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, इसलिए प्रदेश में चल रहे धरनों के संयोजकों से मेरा आह्वान है कि वह मीडियाकर्मियों को स्वतंत्रता के साथ अपनी बात रखने दें।

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