चण्डीगढ़, 30 मार्च 2017 
    आम आदमी पार्टी (आप) ने सूबे में खस्ता हाल सरकारी स्कूल शिक्षा पर गहरी चिंता प्रकट करते हुए, इस खस्ता हाल के लिए प्रकाश सिंह बादल की नेतृत्व वाली अकाली -भाजपा सरकारों समेत पिछली कांग्रेसी सरकारों को भी बराबर जिम्मेदार ठहराया। 
    रविवार को जारी ब्यान के द्वारा आप पंजाब के कनवीनर गुरप्रीत सिंह वड़ैच ने कंट्रोल एंड आडिटर जनरल (कैग) की तरफ से पंजाब विधान सभा में पेश 5 साला रिपोर्ट पर तीखी प्रतीक्रिया देते हुए कहा कि पंजाब के 1170 स्कूल सिर्फ 1 अध्यापक से चल रहे हैं, स्पष्ट है कि ऐसे स्कूलों मे गरीब किसान, मजदूरों और आम परिवारों के बच्चों का भविष्य बनाया नहीं बल्कि बर्बाद किया जा रहा है। आगामी पीढ़ी को बौद्धिक स्तर पर बर्बाद करने का बज्जर गुनाह करने वाले राजनैतिक नेताओं और अफसर सख्त सजा के हकदार हैं। 
वड़ैच ने बताया कि सर्व शिक्षा अभियान अधीन सरकारी स्कूल शिक्षा का स्तर ऊंचा उठाने के लिए आए 1362 करोड़ रुपए फंड जारी न करना और स्कूली वर्दियां और किताबों पर अधिक खर्च करने के दोष में बादलों समेत सभी जिम्मेदार नेताओं और अफसरों की तुरंत पहचान कर उनके विरुद्ध ‘बौद्धिक नसलकुसी ’ का मुकदमा चलाया जाये ताकि भविष्य में कोई नेता या अधिकारी इस तरह की गलती करने की हिम्मत न कर सकें।
वड़ैच ने कैप्टन अमरिन्दर सिंह से अपील की है कि वह सरकारी स्कूल शिक्षा प्रति अपने 2002 /07 वाले गैर जिम्मेदार वाले रवैये और बादल सरकार की नलायकियों से सबक ले कर दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार से शिक्षा ले। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने सरकारी स्कूल शिक्षा प्रबंध को जिस तरह नई बुलंदियों पर पहुंचाया है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह भी शिक्षा के क्षेत्र में दिल्ली सरकार की तरह अधिक से अधिक निवेश करें। इस कार्य के लिए मुख्य विरोधी पक्ष के तौर पर आम आदमी पार्टी कैप्टन सरकार को हर सहयोग देने के लिए वचनबद्ध है क्योंकि शिक्षा के रौशनी के बिना पंजाब और देश से गरीबी, नाबराबरी और बेरोजगारी का अंधेरा दूर नहीं हो सकेगा।  

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