चंडीगढ़, 24 अप्रैल, 2017 सत्गुरू माता संविदर हरदेव जी महाराज के आर्शिवाद से सन्त निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन ने देश भर में 76 स्थानों के साथ सन्त निरंकारी सत्संग भवन सैक्टर 30 ए चंडीगढ़ में रक्त दान शिविर का आयोजन किया। आज का दिन निरंकारी बाबा गुरबचन सिंह जी के बलिदान को समर्पित कर मानव एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है और जगह जगह रक्त दान शिविर लगाए जाते हैं । इस शिविर में 402 श्रद्धालुओं ने रक्त दान किया जिसमें 20 महिलायें शामिल हैं ।
      इस शिविर का उद्घाटन चंडीगढ़ नगर निगम के सीनियर डिप्टी मेयर श्री राजेश कुमार गुप्ता ने किया और कहा कि स्वेच्छा से रक्त दान करना बाबा गुरबचन सिंह जी महाराज को सच्ची श्रद्धांजलि है । श्री गुप्ता ने वहां उपस्थित श्रद्धालुओं के हर्षोल्लास को देखते हुए कहा कि इन श्रद्धालुओं द्वारा स्वेच्छा से जो अपना रक्त दान किया जा रहा है यह बहुत ही सराहनीय है । यह खून जब जरूरतमंद लोगों की नाडि़यों में प्रवेश करेगा तो यह उन्हें नई जिन्दगी प्रदान करेगा, इससे बड़ा महादान और कोई नहीं हो सकता ।
      चंडीगढ़ जोन के जोनल इंचार्ज डॉ0 बी0 एस0 चीमा जी ने कहा कि प्रति वर्ष सन्त निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन 24 अप्रैल से शुरू करके रक्तदान शिविर देश भर में लगाता है। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी चंडीगढ़ जोन में 18 रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जाएगा। वर्ष 2016-17 में चंडीगढ़ जोन में इन शिविरों में 5103 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया था।
      इस शिविर के दौरान उŸार भारत के प्रशासन विभाग के इन्चार्ज श्रीमति जोगिन्द्र कौर जी, एडिशनल जोनल इंचार्ज डॉ श्रीमति जे0 के0 चीमा जी, संयोजक चंडीगढ़ ब्रांच श्री मोहिन्दर सिंह जी और एडिशनल संयोजक श्री तरसेम लाल जी भी मौजूद थे।
 पिछले वर्ष देश भर में फाउंडेशन द्वारा 479 रक्तदान शिविरों का आयोजन किया गया जिसमें 80,560 युनिट रक्त एकत्रित किया गया। 1986 से लेकर देश भर में 5046 रक्तदान शिविर आयोजित किए जा चुके है जिनमें 8,69,161 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया है।
      आज मिशन के द्वारा दिल्ली, कोलकता, चेन्नई तथा आगरा में 4 अस्पताल तथा देश भर में 150 डिस्पेंसरी, 9 प्रयोगशालाएं, 7 दातों के तथा 6 आंखों के इलाज के लिए केन्द्र धर्मार्थ रूप में  चलाए जा रहे हैं।  
            इस शिविर का संचालन पी0 जी0 आई0 बल्ड बैंक के प्रोफेसर डॉ0 सुचेत सचदेव की अगुवाई में    20 डॉक्टर व पेरामेडिकल स्टाफ की सहायता से  किया गया ।

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