Chandigarh 19th April 2017 :
अभी हाल ही में पाकिस्तान द्वारा कहा गया है की पाकिस्तान की मिलिट्री कोर्ट ने भारतीय नेवी के पूर्व आफिसर कुलवंत जाधव को बलूचिस्तान में जासूसी व् आतंकवादी गतिविधियों के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई है भारत सरकार का दावा है की कुलवंत जाधव निर्दोश है व् पाकिस्तान स्तिथ भारतीय उच्चायोग द्वारा तेरह बार पत्र लिखने के बावजूद भी केस चलने के दौरन व् बाद में भी भारतीय राजनायिकों को कुलवंत जाधव से मिलने का अवसर प्रदान नहीं किया गया ! इंटरनेशनल वकील व् सोशल एक्टिविस्ट सुखविंदर नारा का कहना है की विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज ने कौंसुलर एक्सेस के लिए पाकिस्तान सरकार से आग्रह किया है व् जाधव को बचाने के लोए डीप्लोमेंटिक माध्यमो से भरसक प्रयत्न कर रही है लेकिन इन प्रयत्नों के अलावा भारत सरकार को चाहिए की जाधव को फांसी से बचाने के लिए इंटरनेशनल कोर्ट में केस दायर करना चाहिए ! सुखविंदर नारा ने बताया की भारत और पकिस्तान दोनों ने और अन्य देशों ने सन 1963 में विएना कन्वेंशनको साइन किया था जिसके अनुछेद 36 के तहत कौंसुलर एक्सेस, बंदी के साथ बातचीत, मुलाक़ात व् उसके लिए क़ानूनी सहायता प्रदान करवाने का हक़ दोनों देशो को अपने नागरिको के लिए दिया गया है पकिस्तान ने इस कन्वेंशन के नियमो का पालन न करके अंतराष्ट्रीय कानूनों की अवहेलना की है, सुखविंदर नारा ने बताया की इसके अलावा भारत और पाकिस्तान दोनों ने ऑप्शनल प्रोटोकोल व्  कंपल्सरी सेटलमेंट ओफ़ डिसपयूट्स सन 1963 को साइन किया था जिसके तहत इंटरनेशनल कोर्ट ओफ़ जस्टिस, में केस दायर किया जा सकता है ! इसी तरह के मामलो में अमरीका का मेक्सिको व् जर्मनी के साथ हुए विवादों में इंटरनेशनल कोर्ट ने हस्तक्षेप किया है व् अमरीका की कोर्ट द्वारा मैक्सिको व् जर्मन नागरिकों को सुनाई गई फांसी की सजा को इस आधार पर अवैध करार दिया था की अमरीका ने विएना कन्वेंशन 1963  के अनुच्छेद 36 की अवहेलना की थी व्  इस परकार अमरीका की कोर्ट को फांसी के निर्णय पर “पुनर्विचार व् अवलोकन” के आदेश पारित किये थे ! जाधव के केस में भी पाकिस्तान द्वारा विएना कन्वेंशन 1963  के अनुच्छेद 36 की अवहेलना की गई है जिसके आधार पर भारतीय सरकार इंटरनेशनल कोर्ट में केस दायर करने का हक़ रखती है व् इस परकार जाधव को फांसी से बचा सकती है व् केस लंबित रहने के दौरान इंटरनेशनल कोर्ट के अधिनियम 41 के तहत पकिस्तान की कोर्ट द्वारा सुनाये गए फांसी के आदेश पर अंतरिम रोक लगवाई जा सकती है ! सुखविंदर नारा ने अपनी तरफ से जाधव को फांसी से बचाने के लिए श्रीमती सुषमा स्वराज को ट्वीट करके भारत सरकार की तरफ से इंटरनेशनल कोर्ट में केस फाइल करने की अपील की है और  इंटरनेशनल कोर्ट के प्रेसिडेंट से भी ईमेल के माध्यम से इंटरनेशनल कोर्ट को मामले का स्वयं संज्ञान लेने की अपील की और इसके अतिरिक्त ऑनलाइन याचिका तैयार कर फेसबुक और ट्वीटर पर शेयर करके हस्ताक्षर करने की मांग की है ताकि हस्ताक्षर होने के बाद याचिका भारत सरकार, पाकिस्तान सरकार व् इंटरनेशनल कोर्ट को भेजी जा सके ! नारा ने बताया की लाहौर हाई कोर्ट बार के वकीलों ने एक प्रस्ताव पारित कर जाधव का केस लड़ने से मना कर दिया लेकिन उन्होंने पाकिस्तानी-ब्रिटिश वकील रिजवान सुलेहरिया (RIZWAAN SULEHRIA) से बातचीत की है और उन्हें उम्मीद है की वे जल्द ही जाधव के लिए पाकिस्तानी में लीगल रिप्रजेंटेशन की भी व्यवस्था कर पाएंगे !

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