: विभागीय योजनाओं और सीएम विंडो को प्रभावी बनाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उठाया कदम
: नोडल अधिकारियों के लिए शिकायतकर्ता के साथ निगरानी प्रमुख को बुलाना किया अनिवार्य
: निगरानी प्रमुख की रिपोर्ट में लापरवाह अफसरों पर भविष्य में कडे कदम उठाएगी सरकार
चंडीगढ़, 10 अप्रैल - हरियाणा में सुशासन और पारदर्शी शासन की दिशा में भाजपा सरकार द्वारा सीएम विंडो और विभागीय योजनाओं की निगरानी के लिए गठित समितियों को प्रभावी बनाने की कवायद तेज हो गई है। शिकायतकर्ता, नोडल अधिकारी और सरकार के मध्य की इस कडी को मजबूत करने के लिए खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नोडल अधिकारी द्वारा शिकायतकर्ता के साथ-साथ हलका निगरानी प्रमुख को बुलाना अनिवार्य कर दिया है। गलत शिकायत देने वाले अथवा समाधान की ओर बढ रही शिकायत को वापस लेने की कोशिश करने वालों पर भी सख्ती की जाएगी। यही नहीं भविष्य में सीएम विंडो समेत विभिन्न योजनाओं से जुडी शिकायतों के निपटान में बाधा बन रहे अफसरों पर निगरानी प्रमुख की शिकायत पर कडे कदम भी उठाए जाने के संकेत सरकार ने दिए हैं।
हरियाणा में भाजपा की सरकार के गठन के साथ ही योजनाओं का क्रियान्वयन पारदर्शी तरीके से हो तथा लंबे अरसे से अटकी आमजन की समस्याओं की सीएम विंडो पर शिकायत के बाद उसे समाधान तक पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देश पर पार्टी संगठन द्वारा लोकसभा, विधानसभा स्तर पर निगरानी समितियों का गठन किया गया था। निगरानी प्रमुखों द्वारा विभिन्न मंच के माध्यम से मुख्यमंत्री मनोहर लाल एवं संगठन तक अफसर और शिकायतकर्ता के मध्य शिकायत का समाधान करने की बजाय बीच का रास्ता निकालने तथा शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिए जाने की जानकारी दी गई। इस पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने लोकसभा निगरानी प्रमुखों की अपने आवास पर बैठक ली तथा पूरे मसले पर गंभीरता से चर्चा की। इसके बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने तय कर दिया है कि शिकायत का समाधान करने के लिए अब संबंधित विभाग के नोडल अधिकारी शिकायतकर्ता के साथ-साथ हलका निगरानी प्रमुख को भी बुलवाएंगे, ताकि निगरानी प्रमुख देख सके कि शिकायत का उचित निपटान हुआ है अथवा नहीं। इसके अतिरिक्त सीएम विंडो से जुडी शिकायतों में तेजी से कार्रवाई करवाते हुए लोकसभा क्षेत्र निगरानी प्रमुख लंबे अरसे से समाधान हुई शिकायतों को आमजन तक मीडिया समेत विभिन्न माध्यम से पहुंचाएंगे, ताकि आमजन को सीएम विंडो के प्रभावी होने का अहसास करवाया जा सके। व्यवस्था को प्रभावी बनाने तथा शिकायतों के शीघ्र समाधान हों, इसे सुनिश्चित करने के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने संबंधित निगरानी प्रमुखों को निर्देश दिए हैं। बैठक में निजी हित के लिए शिकायत करने वालों तथा समाधान की ओर बढ रही समस्या को वापस लेने वालों पर भी कार्रवाई करना सुनिश्चित किया जाएगा। इससे निजी तौर पर किसी को परेशान करने के मामलों में कमी आएगी। यही नहीं सरकार अब निगरानी प्रमुखों से उन अफसरों की भी जानकारी मांगेगी, जो शिकायतों के उचित समाधान की बजाय उसमें बेवजह अडंगा डालते हैं और सरकार की जनकल्याणकारी योजना का लाभ उचित व्यक्ति तक पहुंचने में बाधा बनते हैं। इसकी पूरी संभावना है कि सरकार ऐसे कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ सख्ती से पेश आए।    
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव दीपक मंगला, मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी (शिकायतें) भूपेश्वर दयाल गौड, हरियाणा भूमि सुधार विकास निगम के चेयरमैन एवं फरीदाबाद लोकसभा निगरानी प्रमुख अजय गौड, भाजपा प्रदेश मीडिया विभाग प्रमुख राजीव जैन, सोनीपत लोकसभा निगरानी प्रमुख ओमप्रकाश पहल, गुरूग्राम लोकसभा निगरानी प्रमुख लक्ष्मण यादव, कुरूक्षेत्र लोकसभा निगरानी प्रमुख धर्मबीर डागर, सिरसा लोकसभा निगरानी प्रमुख भारतभूषण मिड्ढा, भिवानी-महेंद्रगढ लोकसभा निगरानी प्रमुख अजीत यादव, अंबाला लोकसभा निगरानी प्रमुख मदन चौहान, हिसार लोकसभा निगरानी प्रमुख मंदीप मलिक, करनाल लोकसभा निगरानी प्रमुख जोगेंद्र सलूजा, रोहतक लोकसभा निगरानी प्रमुख रमेश भाटिया मौजूद रहे।  

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