मुंबई में 4 रिकॉर्डतोड़ सीजनों के बाद, मुगल-ए-आजम देश की राजधानी में पहुंचा
दिल्ली : मुंबई में 60,000 श्रोताओं का रिकॉर्ड बनाते हुए, चार सीजनों की शानदार सफलता के बाद मुगल-ए-आजम: द म्यूजिकल देश की राजधानी में पहुंचने को तैयार है। भारत के सबसे बड़े थिएटर प्रोडक्शन के रूप में प्रशंसा हासिल करना वाला यह प्रतिष्ठित प्ले सितंबर महीने में दिल्ली वालों की वाह-वाह लूटने को तैयार है। इस प्रतिष्ठित प्ले को ज्वाहरलाल नेहरू स्टेडियम में प्रदर्शित किया जाएगा।
मुगल राजकुमार सलीम व अनारकली की सदाबहार प्रेमकथा को एक बार फिर से सिरजते हुए, मुगल-ए-आजम: द म्यूजिकल ने अपने श्रोताओं को अपने शानदार प्रदर्शनों, महंगे सैटों, विश्वस्तरीय प्रोडक्शन डिजाइन और मनीष मल्होत्रा के अत्याधिक सुंदर परिधानों के जरिए मंत्रमुगध कर दिया है। यह प्ले इस कथा को एक बार फिर से नए श्रोताओं के समक्ष जीवंत करने का वायदा करता है।
डायरैक्टर फिरोज अब्बास खान के मुताबिक हम सिनेमा प्रशंसकों व मुगल-ए-आजम के फैन्स से दिल्ली में म्यूजिक को लाने संबंधी मिले बहुत सारे निवेदनों से उत्साहित हैं। एक बहुत बड़ा कार्य है और यही कारण है कि सब कुछ ठीक तरीके से अंजाम देने के लिए समय लगता है।
म्यूजिकल के लिए भारी प्रोडक्शन सैटअप के बारे में बातचीत करते हुए, शपूरजी पल्लोंजी ग्रुप के डायरैक्टर दीपेश सलगिया के मुताबिक दिल्ली के शो हेतु विशेषतौर पर एक नया सैट तैयार किया जाएगा। सैट लगाने के लिए मुंबई से टैक्रीशियन आएंगे। हमारे अंतर्राष्ट्रीय टैक्रीशियन व डिजाइनर भी अगस्त में टीम से जुड़ेंगे। दिल्ली का शो एक बहुत बड़े स्टेज पर पेश किया जाएगा। यह मुंबई से भी बड़ा होगा।
डायरैक्टर फिरोज अब्बास खान ने आगे कहा कि मुगल-ए-आजम के बड़े सैट हैं, इसमें 175 सदस्यों का एक क्रू है और इसके लिए हाइटेक इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ भारी संख्या में प्रोजैक्शनों की जरूरत पड़ती है। प्रोड्यूसर शपूरजी पलोंजी और नेशनल सेंटर फॉर परफरमोर्गिंग आर्टस (एन.सी.पी.ए) ने ज्वाहरलाल नेहरू इंडोर स्टेडियम के इंफ्रास्ट्रक्चर में बहुत बड़ा निवेश किया है। दिल्ली में बहुत सारे श्रोता मुगल-ए-आजम की महिमा का आनंद लेंगे।
दीपेश सलगिया ने कहा कि 1950 में जब, फिल्म का शपूरजी पलोंजी द्वारा निर्माण किया गया था, उनका उद्देश्य एक और फिल्म बनाना नहीं था, बल्कि सिनेमा प्रोडक्शन में एक नया बेंचमार्क स्थापित करना था; जहां कला का प्रदर्शन बजट तक सीमित नहीं था, बल्कि यह सिर्फ श्रोताओं की कल्पना थी। यह स्टेज प्रोडक्शन उसी विरासत को आगे बढ़ा रहा है। यह सिर्फ बिजनेस नहीं है; यह भावनाओं को स्पर्श करने समान है।
नेशनल सैंटर फॉर परफोर्मिंग आर्टस (एन.सी.पी.ए) के चेयरमैन के.एस संटूक ने कहा कि एन.सी.पी.ए ने हमेशा से श्रोताओं को सर्वोत्तम पेशकश देने पर विश्वास किया है। हमारे कई पेटर्न दिल्ली से हैं, जो राजधानी में प्ले देखने को लेकर बहुत उत्साहित हैं और अब म्यूजिकल दिल्ली में भी पेशकश देगा और उन्हें विश्वास है कि यहां बहुत ही सफल सीजन रहेगा।
इस प्ले की एक बहुत ही बड़ी खासियत प्रमुख कलाकारों द्वारा लाईव गाना है। मुगल-ए-आजम के सदाबहार गीत, जब प्यार किया तो डरना क्या..., मोहे पनघट, कव्वाली- तेरी महफिल में किसमत... इत्यादि का कलाकारों द्वारा लाईव प्रदर्शन किया जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित कोरियोग्राफर मयूरी उपाध्याय और उनके प्रोफैशनल तरीके से प्रशिक्षित कत्थक नृतकों की मंडली की शानदार कोरियोग्राफी का प्रदर्शन होगा। 

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