मोहाली, 21 जून: विश्व योग दिवस के मौके पर आज मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, मोहाली के ऑन्कोलॉजी विभाग ने अस्पताल परिसर में कैंसर रोगियों के लिए एक योग वर्कशॉप का आयोजन किया। 

योग वर्कशॉप में 85 मरीजों और उनके परिवार के सदस्यों ने हिस्सा लिया 

योग विशेषज्ञ एम.एस. रितु बाला ने विभिन्न योग एवं ध्यान तकनीकों के माध्यम से मरीजों का मार्गदर्शन किया जिससे मरीजों को अपने रोग के ठीक  होने की प्रक्रिया में मानसिक शांति और सौहार्द प्राप्त करने में मदद मिली। इस प्रकार से रोगियों को उनकी वसूली प्रक्रिया में शांति और सद्भाव प्राप्त करने और उन्हें बढ़ावा देने में सहायता मिली। 

योग सकारात्मक तौर पर तनाव को कम करने में सहायक है,  इस बात पर जोर देते हुए डॉ.सचिन गुप्ता, सीनियर मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट ने कहा कि योग और ध्यान जैसे मन और शरीर को नई ताजगी प्रदान का एक अभ्यास है और इससे अपने आप को आत्मीय तौरपर समझने में मदद मिलती है और शुद्ध ऊर्जा और सर्वोच्च जागरूकता के सर्वोच्च स्त्रोत्र से संबंध मजबूत करने में मदद मिलती है। 

डॉ.गुप्ता ने बताया कि नियमित रूप से योग का अभ्यास करने पर, हमारा ध्यान मन और शरीर के बीच परस्पर क्रियाओं पर होता है जिसमें विश्वास, व्यवहार, जीवन शैली विकल्प, आध्यात्मिक और मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण नाटकीय रूप से हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। साथ ही ये हमारे रोग के विभिन्न चरणों और हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य पर असर डालता है। योग सत्र के बाद 
उन्होंने बताया कि हमें उम्मीद है कि इस प्रकार की वर्कशॉप्स भविष्य में ना सिर्फ मरीजों के लिए आयोजित होंगी बल्कि हमारे कर्मचारियों और डॉक्टरों के लिए भी ऐसी कई वर्कशॉप्स आयोजित होंगी जो कि लगातार कैंसर मरीजों के इलाज की प्रक्रियाओं में शामिल हैं। 

डॉ.गुप्ता ने बताया कि हमारी धरती पर प्रत्येक जीवन अपने सबसे शुद्ध रूप में जीवन लेता है और स्वस्थ पर अपनी प्रणाली का प्रबंधन करने की निहित क्षमता रखता है। हम आध्यात्मिक प्राणी हैं जो एक मानवीय अनुभव प्राप्त करते हैं लेकिन वास्तव में ऐसा होता है कि समय के साथ-साथ हम ‘मनुष्यों’ के रूप में हमारे वास्तविक स्वभाव को भूल जाते हैं। साथ ही ये हमारे शरीर की प्रणाली को रोगों से ग्रसित होने देते हैं। हमने जो महसूस किया है वह यह है कि अगर हम अपने शरीर की प्रक्रिया को बेहतरी से बीमार होने तक ले कर जा सकते हैं तो हमारे पास शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और सूक्ष्म स्तर के सभी हस्तक्षेपों के समर्थन से हमारे शरीर के तंत्र को बीमारी से वापस लौटने की ताकत भी है। 

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