अमरिंदर रहे ना रहे लेकिन यदि 
चंडीगढ़, 5 जून:
 पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य के लोगों को पानी के अधिकार से वंचित करने की कोई भी कोशिश करने से इस क्षेत्र में आंतकवाद के जीवित होने की चेतावनी देते हुये कहा  ‘अमरिंदर रहे ना रहे लेकिन यदि अंतिम फैसला पंजाब के विरूद्ध आया तो एस वाई एल राष्ट्रीय समस्या बन जायेगी।’ 
मुख्यमंत्री इंडिया न्यूज (पंजाब) चैनल की शुरूआत के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री को विनती की है कि वह भारत की शांति और स्थिरता के लिये और पंजाब के हितों में जल संसाधन विभाग के द्वारा एसवाई एल मुद्दे पर समझौते के लिये बातचीत आरंभ करवायें। 
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि यदि एस वाई एल का प्रस्ताव पंजाब की चिंताओं को संबोधित करने वाला ना हुआ तो पंजाब को पुन: आंतकवाद के काले दौर में धकेला जायेगा। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की नाकारत्मक घटना राज्य में बड़ा संकट पैदा कर सकती है। उन्होंने कहा कि राज्य में खालिस्तानी, नकसलवादी तथा मुज़ाहिरा लहरों सहित सभी आंतकवादी लहरे दक्षिण पंजाब से आरंभ हुई जोकि एसवाईएल नहर के निर्माण से सबसे अधिक प्रभावित होगा। 
राज्य को विनाशकारी स्थिति में धकेलने के लिये अकालियों पर आरोप लगाते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि अकाली पंजाब को प्राकृतिक स्त्रोतो से वंचित करने के लिये जिम्मेवार है जोकि राज्य के विभाजन के परिणाम के तौरपर हिमाचल प्रदेश और हरियाणा को चले गये। उन्होने कहा कि कम भूमि होने के बावजूद हरियाणा को अधिक पानी मिला परंतु पंजाब को यमुना नदी में से पानी का कोई हिस्सा प्राप्त नही हुआ। उन्होंने कहा कि इस समस्या की जड़ राज्य की बांट और उस समय स्त्रोतों की बेतरतीब बांट में से ढूंढी जा सकती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब के पास अपनी भूमि की सिंचाई के लिये भी पानी नही है। उन्होंने कहा कि 25 प्रतिशत से भी कम सिंचाई नहरों द्वारा होती है और राज्य के कृषि चलते रहने के लिये असक्षम हो गई है। कृषि वस्तुओं की लागतें बढ़ गई हैं परंतु फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में उस हिसाब से बढ़ौतरी नही हुई। उन्होंने बड़े स्तर पर कृषि विविधता की जरूरत पर बल दिया। राज्य में पानी की चिंताजनक स्थिति का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा कि राज्य के पास धान की सिंचाई के लिये उचित मात्रा में पानी नही है। 
राज्य में कृषि को पुन: लाभप्रद बनाने क ा वायदा करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार कृषि विविधता के लिये सुविधांए मुहैया करवाने के लिये बहुत सारी पहलकदमियां कर रही है और गेंहू एवं धान से नही बल्कि अन्य फसलों द्वारा नव हरित क्रांति ला रही है। 

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