मोहाली, 17 जनवरी :डाबी.एस.चीमा जी ने संत निरंकारी मिशन  समाज में  डाक्टरी के क्षेत्र में अपना बहुमूल्य योगदान दिया। उन्होंने भक्ति भरासादगी परोपकारी जीवन जी कर सतगुरु के संदेश को हुबहू माना और प्रकाशित किया। ये विचार संत निरंकारी मंडल के केन्द्रीय सलाहकार  योजना बोर्ड के चैयरमैन श्रीगोबिंद सिंह जी ने सन्त निरंकारी भवन फेस 6 मोहाली में चंडीगढ़ के पूर्व जोनल इंचार्ज  मोहाली के संयोजक डाबी.एसचीमा के जीवन से प्रेरणा लेने के लिए करवाएगए संत समागम के दौरान व्यक्त किए।

श्री गोबिंद सिंह ने आगे कहा कि संसार एक सपने की तरह हैजो इंसान संसार में आया है उसने जाना ही जाना है। इंसान एक माटी का पुतला हैपानी का बुलबुला है।परमात्मा ही एक सच है। इसका बोध केवल समय का सतगुरु ही करवा सकता है।
सतगुरु माता सविंदर हरदेव जी महाराज की शिक्षाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने आगे कहा कि संत महापुरुष हमेशा ही इंसान को संसार में आकर अपने उदेश्य को पूराकरने के लिए प्रेरित करते हैं। इंसानी जन्म में आने का एक ही लक्ष्य है कि अपने आप की पहचान करना। आज का इंसान जीवन के उदेश्य को भूला कर सोया हुआ है।सारा संसार खत्म होने वाला हैनिरंकार प्रभु परमात्मा सदेव रहने वाला हैजिसकी जानकारी  समय के सतगुरु की शरण में जाकर ही हो सकती है। हरि के मिलाप केबिना आत्मा का कल्याण नहीं हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि डॉचीमा का जन्म 14 मार्च, 1930 को जिला लुधियाना के गांव लसोई में हुआ  उनकी आयु 88 वर्ष थी  वे वर्ष 1988 में पंजाब हैल्थ सर्विसिज केनिर्देशक के पद से सेवानिवृत हुए थे और उसके बाद उन्होंने फेज-4 में चीमा मैडिकल कॉम्पलैक्स की स्थापना की जिसके वे चीफ डॉयरेक्टर थे। इस मैडिकलकॉम्पलैक्स को चीमा नर्सिंग होम के नाम से भी जाना जाता है।
डाचीमा ने वर्ष 1977 में ब्रह्मज्ञान प्राप्त किया और 2008 से मोहाली ब्रांच के संयोजक की संवायें निभा रहे थे। उसके बाद वर्ष 2009 में उन्हें सन्त निरंकारी मण्डलद्वारा चण्डीगढ़ के जोनल इन्चार्ज की सेवायें भी सौंपी गई और वर्ष 2009 में ही उनको ज्ञान देने की इजाजत भी मिल गई थी।  चण्डीगढ़ के जोनल इन्चार्ज  मोहालीब्रांच के संयोजक की सेवा उन्होंने 4 सितम्बर 2017 तक निभाई 

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