चंडीगढ़, 2 फरवरी: ‘‘आरामतलब जीवन शैली की वजह से खतरे में आया दिल हर सप्ताह की दिनचर्या में कुछ घंटों को शामिल कर नियमित व्यायाम से फिर से सुरक्षित बनाया जा सकता है।’’ यह परिणाम डॉ. रजनीश कपूर, सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट और डायरेक्टर, इंटरवेन्शनल कार्डियोलॉजिस्ट, मेदांता हॉस्पिटल, गुरुग्राम द्वारा किए गए एक अध्ययन में प्राप्त किए गए हैं। 

आज यहां आईएमए में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए डॉ. रजनीश ने कहा कि गतिहीन एवं आरामतलब जीवन शैली लोगों को उच्च रक्तचाप, मधुमेह, मोटापे और कोरोनरी आर्टिरी जैसे रोगों के खतरे में डाल रही है और ये सभी सभी हृदय रोग, कार्डिक अरेस्ट और हार्ट फेल होने की अवस्थाओं के जाने माने ट्रिगर हैं। बेहद आरामतलब और विलासितापूर्ण जीवन जीने वाले बहुत से लोगों में जानलेवा हार्ट अटैक्स और अन्य रोगों का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है।’’

उन्होंने आगे कहा कि नवीनतम तकनीक के जरिए हम सुरक्षित स्तर को पूरा करने के लिए हृदय रोगियों के जीवन की रक्षा करने में सक्षम हैं, लेकिन यह अधिक महत्वपूर्ण है कि ऐसी अवस्थाओं को पेश आने से रोका जाना चाहिए।

डॉ. कपूर ने कहा कि ‘‘हमने यह अनुमान लगाया है कि चूंकि व्यायाम में कई बीमारियों को पैदा होने से रोकने की क्षमता है, इसलिए लंबे समय से आरामतलब जिंदगी जी रहे लोगों में जोखिम कम करने में इसके समान प्रभाव होने चाहिए।’’

उन्होंने बताया कि अध्ययन में हमने 40 ऐसे लोगों को शामिल किया जो कि आरामतलब जिंदगी जी रहे हैं और उनकी उम्र 40 से 55 साल के बीच है और उनकी एक स्थिर जीवन शैली है। एक प्रश्नावली के माध्यम से शारीरिक फिटनेस के लिए उनका मूल्यांकन किया गया था और उनके ऑक्सीजन अपटेक  (वीओ 2 मैक्स) का स्तर दर्ज किया गया।

अध्ययन को 2 भागों में विभाजित किया गया था, जिनमें से आधे को 15 दिन के लिए व्यायाम की दिनचर्या दी गई थी, जबकि दूसरे आधे लोगों को पहले की जीवनशैली को जारी रखने के लिए कहा गया था। व्यायाम की दिनचर्या वाले लोगों को 15 दिनों के लिए रोजाना 30 मिनट के लिए कसरत करने के लिए कहा गया, जिसमें साइकिल चलाना, तेज चलना, भार प्रशिक्षण या नाचना आदि तक शामिल था। 

अध्ययन के परिणाम यह बताते हैं कि व्यायाम करने वाले समूह में ऑक्सीजन की खपत तेजी से 20 से 25 प्रतिशत तक बढ़ जाती है, इसलिए यह उनके स्वास्थ्य को औसत से अच्छे में बदलता है। वहीं दूसरे समूह के लिए वहीं औसत मूल्य बने रहे। ये अध्ययन निष्कर्ष हृदय और श्वसन प्रणाली पर नियमित व्यायाम के प्रभावों को उजागर करते हैं। सिर्फ 15 दिनों में, एक दिन में 30-40 मिनट का नियमित और रोजाना व्यायाम करने से उनका वीओ 2 अधिकतम स्तर औसत से अच्छे में बदल गया, जो बहुत महत्वपूर्ण है।

डॉ.रजनीश ने बताया कि हमारे अध्ययन से पता चलता है कि लंबे समय से आरामतलब जिंदगी जी रहे लोग भी नियमित रूप से व्यायाम कर चमत्कार कर सकते हैं। लोग ऐसे बदलाव कर स्वस्थ हृदय, उच्च रक्तचाप या मधुमेह की शुरुआत में रोकथाम, उच्च रक्तचाप और मधुमेह के रोगियों में बेहतर नियंत्रण, खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने और सभी स्वास्थ्य प्रतीकों में संपूर्ण सुधार की उम्मीद कर सकते हैं। अधिक लाभ पाने के लिए, लोगों को नियमित व्यायाम 65 वर्ष की आयु से पहले शुरू करना होगा। उन्हें सप्ताह में चार से पांच बार तक पूरे जोश ओर अलग अलग अवधि के साथ मेहनत करनी चाहिए। 

डॉ.रजनीश ने कहा कि यह ऐसा कुछ नहीं है जिसे करना आपके लिए मुश्किल हो। आप अपने दांतों को ब्रश करते हैं, आप अपने कपड़े बदलते हैं, आप अपना खाना खाते हैं। निजी स्वच्छता के लिए आप ये काम करते हैं। उसी तरह से व्यायाम भी आपके शरीर के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है, इसलिए इसे अपनी जीवनशैली में शामिल कीजिए। 

Post a Comment

أحدث أقدم