पंचकूला, 12 जून । सडक़ हादसों में हो रही वृद्धि संबंधी जागरूकता पैदा करने के लिए पारस सुपर स्पैशलिटी अस्पताल पंचकूला के डाक्टरों की टीम ने यहां मीडिया को संबोधित किया। इस अवसर पर अस्पताल के आर्थोपेडिक्स व ज्वाइंट रिप्लेसमैंट सर्जरी विभाग के डायरेक्टर डा. प्रदीप अग्रवाल, कंस्लटेंट डा. आनंद जिंदल तथा एनीथीसिया विभाग के प्रभारी डा. अश्वनी कुमार मौजूद थे। पत्रकारों को संबोधित करते हुए डा. प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि हमारे देश में ट्रैफिक संबंधित मौतें 83 प्रतिशत सडक़ हादसों के कारण होती हैं। उन्होंने कहा कि आम लोगों को हादसे के पश्चात सुनहरी समय की धारणा को समझना अति आवश्यक है, जो हादसे के पश्चात 60 मिनट का समय होता है, यदि इस समय दौरान घायल को अस्पताल या ट्रॉमा सैंटर पहुंचा दिया जाए, तो उसकी जान बचने की संभावना अधिक होती है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की सडक़ें, हादसों के मामले में बहुत ही जानलेवा हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में हरियाणा में सडक़ हादसों में 5118 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी। इस अवसर पर डा. गौरव महेश्वरी ने अपने विचार सांझे करते हुए कहा कि भारत मे सडक़ हादसों के कारण रोजाना 400 मौतें होती हैं, जो कि एक जंबो जैट के हवाई हादसे के समान है। उन्होंने बताया कि पारस अस्पताल में हाल ही में एक सडक़ हादसे में गंभीर रूप में जख्मी हुए मरीज को नया जीवन मिला है। कैथल से संबंधित इस 56 वर्षीय मरीज को एक खतरनाक सडक़ हादसे में गंभीर चोटें लगी थी तथा 6 जगहों से उसकी हड्डियां टूट गई थी, जिनमें सिर व लीवर की चोट बहुत गंभीर थी। सिर की चोट के अलावा उसके जांघ, टांग, कूल्हे की हड्डियां टूटी हुई थी तथा पसलियां भी टूटी थी। डाक्टरों की टीम ने करीब 6 घंटों में उसकी सफल सर्जरी की। उसके शरीर के महत्वपूर्ण अंगों जैसे दिमाग, लीवर तथा पेट के निचले हिस्से में गंभीर चोटें लगी हुई थी, डा. अग्रवाल ने बताया कि इस मरीज के बचने की संभावना बहुत कम थी, पर माहिर डाक्टरों की टीम ने पूरे तालमेल के साथ आप्रेशन करके उसकी जान बचा ली। उन्होंने बताया कि सडक़ हादसों से बचने के लिए यातायात के नियमों की गंभीरता से पालना करनी चाहिए तथा ड्राइविंग करते समय नशों विशेषकर शराब पीने से गुरेज करना चाहिए। मोटर कारें निर्धारित स्पीड पर ही चलानी चाहिएं तथा सीट बेल्ट व दोपहिया वाहन चलाते समय हैल्मेट डालने की आदत बनानी चाहिए।

Post a Comment

Previous Post Next Post