चंडीगढ़ (प्रवेश फरण्ड)
गौरव शर्मा का नाम आज उन कलाकारों की श्रेणी में आता है जिन्होंने अपने बचपन के सपने को साकार करने के लिए हर तरह की मशक्कत का सामना करते हुए अपने मुकान को हासिल करने में कोई कसर नहीं छोडी । गौरव शर्मा आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं कयोंकि उन्होंने अपनी मेहनत लगन और कर्मठता से सार्थक कर दिया कि मेहनत एक दिन रंग अवश्य लाती है । गौरव बचपन में चंडीगढ के टैगोर थियेटर में होने वाले नाटकों के मंचन का दिदार बडी बेशब्री से किया करते थे ।
कलाकारों की स्टेज पर की जाने वाली भंगिमाओं को अपने ह्रदय में उतारते कि वह भी एक दिन स्टेज पर अपना अभिनय करके अपनी कला का प्रदर्शन करेंगें । वे बिना किसी सोच विचार के इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए अपने आप को तैयार करने में लग गये । पढाई के साथ-साथ00 पेट की आग बुझाने के लिए दिन में मेहनत मजदूरी करना फिर नाटक की बारीकियों को समझने के लिए नाटक की कलास लगाना उनका रोजमर्रा का काम था । अपनी इस जिज्ञासा की पूर्ति के लिए उनके पास एक ही विकल्प था कि वे किसी ऐसे निदेशक की नजर में चढ जाये जो मेहनत की कद्र को जानता हो । उनका यह सपना भी पूरा हुआ जब वह सिटी एंटरटेनमैंट नैटवर्क के निदेशक की नजरों में आये और उन्होंने गौरव शर्मा की कला को परख कर अपनी संस्था में नाटक परिभाग में काम करने का अवसर प्रदान किया ।
गौरव शर्मा ने और कई जाने-माने निदेशकों के साथ काम किया और उनकी कला के प्रति समर्पण को देखते हुए उन्हें भूमिकाओं के लिए अवसर प्रदान किये । च7ि भूमिकाओं में गौरव शर्मा की कलाकारी को दर्शकों द्धारा खूब पसंद किया गया । गौरव शर्मा गंभीर हास्यस्पद नौटंकी आदि भूमिकाओं में भी अपनी कला के जौहर दिखाये । जिन नाटकों में उनके द्धारा भूमिकायें अभिनीत की गई । नाटकों के बेताज बादशाह स्व० सी एस सिंदरा जी के साथ गौरव शर्मा ने १०-१२ वर्ष काम किया और उनके द्धारा निर्देशित नाटकों में विभिन्न भूमिकाओंमें काम करते हुए अपनी कला का प्रदर्शन किया । स्व० श्याम जुनेजा जी ने उनकी कला को बखुबी निखारा और गंभीर से गंभीर भूमिकाओं के साथ-साथ प्यार-मोह4त, जज्बाती और हास्यास्पद भूमिकाओं में अपनी कला में चार चांद लगा दिये। श्री राजीव मेहता जी ने उनकी कला को देखते हुए उन्हें अपनी फिल्मों सिरियलोंं में विशेष स्थान प्रदान किया और गौरव शर्मा चंडीगढ से बाहर उनके ग्रुप के साथ अन्य राज्यों मे काम करने के लिए गये ।
गौरव शर्मा ने निर्देशन में जाने का फैसला किया और वे अपने नाटकों के माघ्यम से समाज में फैली हुई बुराईयों को लोगों के सामने लाने के लिए कटिबद्ध तरीके से जुट गये । ऐसे में उन्हें आवश्यकता थी एक ऐसी कलाकारों की टीम के गठन की जो उनकी भावनाओं का आदर करते हों और सामाजिक बुराईयों के उन्मुलन के लिए उनका साथ देने को सदैव तैयार हों । उनके मन में राजनैतिक स्तर पर नेताओं के गिरते हुए स्तर पर कटाक्ष के माध्यम से उजागर करने के लिए तलाश थी जिसके लिए उन्होंने सिटी एंटरटेनमैंट नेटवर्क जैसी संस्था का हाथ थामा और अपने नाटकों के माध्यम से सामाजिक राजनैतिक बुराईयों को स्टेज पर प्रदर्शन करके लोगों को जाग्रत किया ।
इन नाटकों का निर्देशन गौरव शर्मा द्धारा स्वयं ही किया गया था जिसके कारण लोगों की पसंद के साथ-साथ उन्हें आलोचनाओं का भी शिकार होना पडा । नाटक कलाकारों के साथ हो रहे भेदभाव को उजागर करने के लिए उन्हें स्थानीय प्रशासन के साथ दो हाथ होना पडा । जिसके कारण स्थानीय टैगोर थियेटर के प्रबधंक तक उनके दुश्मन बन गये । इस भेदभाव को दूर करवाने के लिए उन्हें स्थानीय कलाकारों के साथ प्रदर्शन भी करना पडा । गौरव शर्मा चंडीगढ संगीत नाटक एकेदमी के सक्रिय सदस्य रहे और कलाकारों के हक की बात प्रशासन के साथ करते रहे ।
गौरव शर्मा के नाटकों में सरकार की कार्यप्रणाली भ्रष्टाचार भाई-भतीजावाद पर कटाक्ष करने के कारण उनके कई राजनैतिक विरोधी भी बन गये और इसके चलते उन्हें कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण करनी पडी । उनके विरोधियों ने उनके स्ट्रीट नाटकों को जनता के सामने करते समय बीच में ही पुलिस द्धारा रोक दिया गया और विरोध करने पर प्रताडना का सामना करना पडा । ऐसे संर्घषमय जीवन में कठिनाईयों की कोई परवाह नहीं की और अपने नाटकों के बलबूते पर अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपनी कला का प्रदर्शन किया । कलाउंनिग के जरिये अपनी भाव-भंगिताओं को लोगों के सामने प्रदर्शन करने की कला में माहिर उन्होंने आस्ट्रेलिया न्यूजीलैंड इंगलैंड आदि देशों में प्रशिक्षण प्राप्त किया और अंतराष्ट्रीय निर्देशकों द्धारा दी गई शिक्षा को अपने जहन में उतार कर नाटक में रहते हुए फिल्मों में भी अपनी कला का प्रदर्शन किया । समाज में नौजवानों के अंदर फैली नशे की बिमारी पहचानी और नशे के विरद्ध अपनी आवाज बुलंद करने के लिए फिल्मों का निर्माण और निर्देशन भी किया । आज गौरव शर्मा अपनी कला में निपुण होकर ध्रुव तारे की तरह आस्मान में चमकते सितारे की तरह याद किये जाते हैं ।
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