चंडीगढ़ (प्रवेश फरण्‍ड)  



निमोनिया से पीड़ित लोगों को सावधानी बरतने के लिए इसलिए कहा जाता है कि कोरोना का संक्रमण होने और बीमारी बढ़ जाने के बाद उन्हें सांस लेने में परेशानी होने लगती है, बताया डॉ प्रीति शर्मा कंसल्टेंट पलमोनोलॉजिस्ट ,ग्रेशियन अस्पताल ने । यह समस्या ज्यादा बढ़ने पर मरीज को वेंटिलेटर पर रखना पड़ता है, जो बेहद खर्चीला होता है। इसके लक्षण निमोनिया से मिलते-जुलते होते हैं, जिसे सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कहा जाता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक, कोरोना के मामूली संक्रमण में 80 प्रतिशत लोग बिना किसी इलाज के ही ठीक हो जाते हैं।

 डॉ प्रीति ने कहा कि बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत। जो लोग 60 साल से ऊपर के हैं और हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या हार्ट से संबंधित समस्याओं के शिकार रहे हैं, उन्हे कोरोना से बचाव के लिए खास सावधानी बरतने की जरूरत है। इन लोगों को अगर सर्दी-जुकाम और खांसी के साथ सांस लेने में दिक्कत हो रही हो, तो उन्हें तत्काल मेडिकल सहायता लेनी चाहिए। किसी भी उम्र के लोग अगर समोकिंग करते हैं तो इसका फेफड़े पर खराब असर पडता है। जो लोग स्मोकिंग करने के आदी हैं, उन्हें कोशिश करनी चाहिए कि इसे जितनी जल्दी हो सके, छोड़ दें। इसके अलावा, शराब और दूसरी नशीली चीजों से भी परहेज करें। इससे इम्युनिटी कमजोर होती है और किसी भी तरह का संक्रमण जल्दी हो सकता है

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