-ड्रग तस्कर गुरदीप सरपंच के मुख्यमंत्री दफ्तर से गहरे संबंधों ने खोले राज
चंडीगढ़, (प्रवेश फरण्ड)
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सीनियर नेता और नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पर ड्रग माफिया की सीधा संरक्षण देने के गंभीर दोष लगाते जहां कैप्टन अमरिंदर सिंह से इस्तीफा मांगा है, वहीं मुख्यमंत्री के सलाहकार संदीप संधू, ओएसडी अंकित बंसल और दमन मोही को तुरंत गिरफ़्तार कर जांच एजेंसी के हवाले करने की मांग की है।
सोमवार यहां प्रैस कान्फ्रेंस को संबोधन करते हुए हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि 2007 से लेकर 2017 तक बादल सरकार ने जिस ड्रग माफिया को पाल-पोस कर पंजाब की जवानी बर्बाद की थी, आज उसी ड्रग माफिया को कैप्टन अमरिंदर सिंह खुद चला रहे हैं। राणो (खन्ना) के सरपंच और पूर्व यूथ अकाली नेता गुरदीप सिंह से मुख्यमंत्री के अधिकारिता सलाहकार संदीप संधू, ओएसडी अंकित बंसल और दमन मोही की गहरी सांझ इन दोषों की पुष्टि करती है।
चीमा ने तीनों गुरदीप राणो के साथ इनकी फोटो के साथ-साथ सुखबीर सिंह बादल और बिक्रम सिंह मजीठिया की फोटोएं भी मीडिया को जारी की। चीमा मुताबिक़, ‘‘इतना ही नहीं इनकी अनेकों फोटोएं और वीडीओज सोशल मीडिया के द्वारा जनतक (पब्लिक डोमेन)में हैं। हरपाल सिंह चीमा ने नशा तस्कर गुरदीप राणो को मिली पुलिस सुरक्षा के बारे में भी मुख्यमंत्री को घेरा।
चीमा मुताबिक, ‘‘जिस कैप्टन ने श्री गुटका साहिब की कसम खा कर 4 हफ्तों में नशे और नशा तस्करों को खत्म करना था, वह तस्करों को सुरक्षा कवच दे रहे हैं। पंजाब और पंजाब की जवानी के लिए इस से ख़तरनाक क्या हो सकता है। पंजाब को ऐसे धोखेबाज़ मुख्यमंत्री की ज़रूरत नहीं है। इस लिए कैप्टन तुरंत गद्दी छोड़ें।’’ हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि जब गुरदीप राणो के द्वारा मुख्यमंत्री दफ्तर का ही पर्दाफाश हो गया तो अपने ओएसडीज को क्लीन चिट्ट देने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के बराबर एक ओर पुलिस अफ़सर की जांच शुरू करवा दी।
चीमा ने कहा कि, ‘‘कैप्टन क्लीन चिट्ट देने के लिए बादलों जितने ही माहिर है। जैसे वजीफा घोटाले में साधु सिंह धर्मसोत को क्लीन चिट्ट दी, उसी तरह अब खुद और अपने ओएसडीज़ को लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जबकि जिस गहराई के साथ इन की गुरदीप राणो के साथ सांझ सामने आई है, इन तीनों को बर्खास्त करके गिरफ़्तार करने चाहिए थे।’’
चीमा ने गुरदीप राणो की पुलिस प्रशासन और राजनैतिक आक़ाओं के साथ हुई फ़ोन काल डिटेल्स जनतक करने, इनकी सम्पत्तियों की जांच करने और इस पूरे ड्रग माफिया की हाईकोर्ट के मौजूदा जज की दैनिक निगरानी में समयबद्ध जांच की मांग की।
हरपाल सिंह चीमा ने पंजाब सरकार को 10 दिनों की मोहलत देते कहा कि यदि कैप्टन ने अपने दफ्तर में बैठे ड्रग माफिया सरगनाओं को जांच के हवाले न किया तो पार्टी सरकार के नाक में दम कर देगी।
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