चंडीगढ़, (प्रवेश फरण्ड)
प्रदेश की कांग्रेस सरकार की ओर से केंद्रीय जांच एजेंसी को कार्यवाही के लिए दी आम सहमति वापस लेने के नोटिफिकेशन जारी करने पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भगवंत सिंह मान और विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि केंद्र की पिछली सरकारें चाहे वह कांग्रेस हो या भारतीय जनता पार्टी ने सीबीआई को हमेशा ही पिंजरे के तोते की तरह मु_ी में रखा है और विरोधियों को तंग परेशान करने और उन पर दबाव बनाने के लिए प्रयोग में लाया है। उन्होंने कहा कि राज्यों के अधिकारों और संघीय ढांचे को बचाने के लिए प्रदेश की सरकारों की ओर से अपने स्तर पर फैसले लेना समय की जरूरत है, परंतु यदि प्रदेश सरकार में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार फैला हुआ हो तो ऐसे हालत में केंद्रीय जांच एजेंसी को जांच करने में कोई रुकावट नहीं पैदा करनी चाहिए। ‘आप’ नेताओं ने कहा कि इस फैसले से पंजाब में बीते समय में हुई बड़ी घटनाएं जिनमें श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी शामिल है की जांच पर कोई प्रभाव नहीं पडऩा चाहिए।
मान और चीमा ने कहा कि मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने पारिवारिक सदस्यों के भ्रष्टाचार केस, रेत खनन मामले में माननीय पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा सीबीआई को जांच सौंपे जाना, कांग्रेसी विधायकों के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच आदि की भिनक के बाद यदि यह फैसला लिया गया है तो यह अति दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सिक्ख संगत लम्बे समय से इस बात की मांग कर रही है कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के लापता हुए पावन स्वरूपों की जांच पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के रिटायर्ड सिक्ख जजों की रहनुमाई में सीबाई को दी जानी चाहिए, जो इस फैसले के बाद लटक जाएगी। इससे पहले कैप्टन के नजदीकी मंत्री साधु सिंह धर्मसोत द्वारा दलित विद्यार्थियों के वजीफे की रकम में किये घोटाले सम्बन्धित जांच भी सीबीआई से करवाने की मांग उठ रही थी।
‘आप’ नेताओं ने मांग की है कि जिन मामलों में पहले से ही सीबीआई अपनी जांच कर रही है। उनको जैसे का वैसे ही चलने देना चाहिए, क्यों जो समय और पैसा खर्चने के बाद जब अब रिपोर्ट पेश करने का समय आया तो ऐसा न करके सरकार दोषियों को बचाने का कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि यदि कैप्टन अमरिंदर सिंह पाक साफ हैं तो वह अपने और अपने परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में दूध का दूध और पानी का पानी हो लेने दें।
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