चंडीगढ़ (प्रवेश फरण्ड)
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने भाजपा के नेतृत्व वाली मोदी सरकार के राज्यमंत्री रावसाहेब दानवे की ओर से आंदोलनकारी किसानों को पाकिस्तान और चीन का एजेंट बताना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है, जो किसान दिन-रात मेहनत करके पूरे देश का पेट पाल रहा है, वही किसान आज भाजपा के लिए आतंकवादी हो गए? सिर्फ इसलिए क्यूंकि वो काले कानून का विरोध कर रहे हैं? मोदी और कॉर्पोरेट घरानों की दोस्ती किसी से छिपी नहीं है, लेकिन यह उनको खुश करने के लिए किसानी तक बेच देंगे यह उम्मीद नहीं थी।
पार्टी हैडक्वाटर से जारी बयान में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद भगवंत मान ने कहा कि भाजपा का एक मंत्री कह रहा है कि किसान आंदोलन में चीन और पाकिस्तान का हाथ है। मोदी अपने जुमलाबाज गैंग को समझाएं कि इस आंदोलन में चीन और पाकिस्तान की सरहदों पर देश की रक्षा करने वाले बहादुर जवानों के माता-पिता, दादा-दादी, भाई-बहन और पुत्र-भतीजे शामिल हैं, इस लिए वह अपनी जुबान पर काबू रखें। केंद्र की मोदी सरकार होश खो चुकी है और अब अंबानी-अडानी कॉर्पोरेट घरानों के हाथ में काम कर रही है। पिछले करीब तीन महीनों से अपना अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रहे भारत के किसान जब एकजुट हो गए तो कॉर्पोरेट घरानों की कठपुतली बन चुके मोदी सरकार के मंत्रियों का दिमागी संतुलन बिगड़ चुका है। जिसके चलते बेतुकी बयानबाज़ी कर रहे हैं। वास्तव में मोदी सरकार कॉर्पोरेट घरानों की गुलाम बन चुकी है और अपने कॉर्पोरेट आकाओं के साथ वफादारी करते हुए देश के अन्नदाता, जवान को बदनाम कर रही है। अब मोदी सरकार की अपने आक़ाओं को खुश करने के लिए की जा रही गंदी राजनीति उजागर हो रही है।
मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद जब भी देश भर में हक़ों के लिए लोगों ने मोदी सरकार के विरुद्ध कोई आवाज़ उठाई तो हमेशा उसे कहीं सांप्रदायिक रंगत, नक्सली रंगत या फिर पाकिस्तान और चीन के साथ जोड़ती रही है। पूरा देश अब यह जान चुका है कि भाजपा जब हारने की अवस्था में आ जाती है तो वह चीन और पाकिस्तान के बहाने आंदोलनों को कमजोर करने की नाकाम कोशिश करती है, परंतु अब मोदी सरकार को दीवार पर लिखा पढ़ लेना चाहिए कि देश के किसान, मजदूर, नौजवान, व्यापारी, मुलाजि़म और अवाम मोदी की तानाशाही के खि़लाफ़ एकजुट हो चुके हैं। इस आंदोलन से घबराई मोदी सरकार को अब किसानों के पीछे खड़े देश के नागरिक पाकिस्तानी और चीनी लगने लगे हैं। नेता ने कहा कि मोदी सरकार अपना अडिय़ल रवैया छोड़ते हुए देश के लोगों के समक्ष अपनी हार स्वीकार करती हुई काले कानून वापस ले और उनके मंत्रियों की ओर से जा रही बेतुकी बयानबाज़ी पर लगाम लगानी चाहिए।
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