.कैप्टन खुद मोदी के साथ मिलीभगत का सबूत दे रहे हैं, भूपिंदर मान के माध्यम से आंदोलन को कमजोर करने की कैप्टन की साजिश का हुआ पर्दाफाश
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चंडीगढ़ 
कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा किसानों के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित चार सदस्यीय समिति से भूपिंदर सिंह मान के हटने के बारे में की गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आम आदमी पार्टी ने कहा कि कैप्टन खुद मोदी सरकार से मिलीभगत का सबूत दे रहे हैं। पार्टी मुख्यालय से जारी बयान में इसपर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद भगवंत मान ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भूपिंदर मान को फोन किया और समिति से बाहर आने के लिए कहा। ऐसा कर उन्होंने साबित कर दिया है वे प्रधानमंत्री से मिले हुए हैं और मोदी से समझौता के तहत ही भुपिंदर मान को चार सदस्यीय समिति में शामिल किया गया था।
मान ने कहा कि जब किसानों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति के सामने पेश होने से इनकार कर दिया तो जनता की नाराजगी को देखते हुए कैप्टन ने अपना रुख बदल लिया और अपने आदमी को समिति से बाहर निकाल लिया। भूपिंदर मान को अब यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या उन्होंने अपने दिल की बात सुनकर समिति से बाहर आने का फैसला किया या कैप्टन के कहने पर। उन्होंने कहा कि इस मामले पर मुख्यमंत्री के बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि वह मोदी सरकार से मिले हुए हैं और मोदी-शाह के इशारे पर ही जनविरोधी फैसले ले रहे हैं एवं किसान आंदोलन को कमजोर करने की साजिश रच रहे हैं। अब कैप्टन सरकार और कांग्रेस का असली चेहरा जनता के सामने उजागर हो गया है। अब लोग समझ चुके हैं कि किस तरह मोदी सरकार से मिलीभगत कर कैप्टन ने काले कानून पर दोहरी भूमिका निभाई।
मान ने कहा कि कैप्टन सरकार ने पहले हाई पावर कमेटी बनाकर काले कानूनों का समर्थन किया और पंजाब के लोगों को गुमराह किया। उन्होंने पहले लोगों को इस कानून के खतरों के बारे में नहीं बताया, जब लोगों ने विरोध करना शुरु किया लोगों को गुमराह करने के लिए उन्होंने विधानसभा में काले कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया, जिसपर सरकार ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। कैप्टन ने लोगों को आश्वासन दिया था कि काले कानूनों के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी, लेकिन  पंजाब सरकार के महाधिवक्ता के पास वकीलों की बड़ी फौज होने के बावजूद अभी तक इस पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हो पाया है। कैप्टन ने ईडी से अपने बेटे को बचाने के लिए मोदी सरकार के साथ किसानों के हितों का समझौता कर लिया। क्योंकि गृह मंत्री अमित शाह मुलाकात के बाद कैप्टन ने पंजाब के किसानों के खिलाफ मामला दर्ज करना शुरू कर दिया। 
मान ने आगे कहा, आज पंजाब के लोगों को आज दोतरफी मार झेलनी पड़ रही है। एक ओर, केंद्र की मोदी सरकार काले कानूनों के माध्यम से किसानों को कॉरपोरेट घरानों के हाथों गुलाम बनाने की कोशिश कर रही है। दूसरी ओर कैप्टन सरकार किसान आंदोलन को दबाने के लिए मोदी सरकार के साथ मिलकर साजिशें रच रही है। आज पंजाब के लोगों को मोदी सरकार और कैप्टन सरकार दोनों से सावधान रहने की जरुरत है। कैप्टन भाजपा के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य कर रहे हैं, ये बात उन्होंने साबित कर दिया है। कैप्टन अपना हर फैसला मोदी-शाह के आदेश के अनुसार लेते हैं।
 


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