चंडीगढ़ 


कालका विधानसभा से कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी की सदस्यता रद्द कर दी गई है। उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द करने की जानकारी स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने दी है। हिमाचल प्रदेश की एक निचली अदालत ने विधायक प्रदीप चौधरी को दोषी ठहराते हुए तीन साल की सजा और 85 हजार का जुर्माना लगाया है।  

इस फैसले के बाद अब उनकी विधानसभा सदस्यता को रद्द कर दिया गया है। आज विधानसभा स्पीकर ने बताया कि नियमानुसार दो साल से अधिक सजा पर दोषी की संसद और विधानसभा की सदस्यता खत्म करने का प्रावधान है। हालांकि चौधरी को अभी तत्काल जेल नहीं जाना पड़ेगा। वह एक महीने के भीतर सेशन कोर्ट में अपील कर सकते हैं।


सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ द्वारा सितंबर 2014 में मनोज नरूला बनाम केंद्र सरकार के मामले में सुनाए फैसले के अनुसार अगर किसी सांसद या विधायक को कोर्ट द्वारा लोक प्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा (1), (2) एवं (3) में दोषी घोषित किया जाता है तो उन्हें धारा (4) में अपने पद के कारण किसी प्रकार की विशेष रियायत प्राप्त नहीं होगी। दोषी को अपनी संसद या विधानसभा सदस्यता से तत्काल हाथ धोना पड़ेगा।

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