• ....कैप्टन पंजाब में चला रहे माफिया राज-हरपाल चीमा
  • ....राज्य निर्वाचन आयोग से भी कई बार जताई चुनाव में हिंसा की आशंका,लेकिन आयोग ने नहीं की कोई कार्रवाई : हरपाल सिंह चीमा
  • .... कैप्टन अमरिंदर सिंह के इशारे पर काम कर रहा चुनाव आयोग
  • ....हमारी सरकार आने पर गुंडों को सलाखों के पीछे भेजा जाएगा : हरपाल सिंह चीमा




चंडीगढ़/मोगा 

आम आदमी पार्टी ने मोगा में हुए चुनावी हिंसा पर अफसोस जताते हुए कहा कि पंजाब में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि कैप्टन पंजाब में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहे हैं। हमने कई बार कहा था कि कांग्रेस पंजाब में चुनाव जीतने के लिए अपने गुंडों के माध्यम से हिंसा का सहारा ले रही है। पिछले दिनों मोगा में कांग्रेस के गुंडों द्वारा दो व्यक्तियों की हत्या कर दी गई और अकाली दल के उम्मीदवार को चुनाव प्रचार करने से रोक दिया गया। लेकिन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस के गुंडों पर नकेल कसने के बजाय अपने शाही फार्महाउस में सो रहे हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह को राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहने के लिए तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि निकाय चुनावों में इस तरह की हिंसक घटनाएं पहले भी कई बार हुई हैं। जीरा में आप उम्मीदवार को डराया-धमकाया गया। उन पर नामांकन पत्र दाखिल न करने का दबाव डाला गया। फिरोजपुर में कांग्रेस के गुंडों ने नामांकन पत्र भरने गए आप उम्मीदवारों के हाथ से कागजात छीन लिए। जगराओं और सुनाम में आप उम्मीदवार का अपहरण कर लिया गया और जान से मारने की धमकी दी गई। जलालाबाद में भी हमारे उम्मीदवारों को डराया-धमकाया गया। आम आदमी पार्टी कांग्रेस के गुंडों द्वारा की जा रही हिंसा के मुद्दे को बार-बार उठाती रही है, लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कोई कदम नहीं उठाया। चुनाव में धांधली करने के लिए कांग्रेस लगातार गुंडागर्दी कर रही है लेकिन कैप्टन उन गुंडों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें हिंसा करने का का निर्देश दे रहे हैं। हम कई बार चुनाव में हो रहे हिंसा के मामले को राज्य चुनाव आयुक्त के संज्ञान में ला चुके हैं लेकिन उन्होंने भी इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। ऐसा लग रहा है जैसे चुनाव आयोग भी कैप्टन के आदेश पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहने के लिए तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।

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