चण्डीगढ़

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन भारत भूषण भारती ने कहा कि लुप्त हो चुकी सरस्वती नदी को फिर से धरातल पर लाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इस पवित्र नदी के किनारे ही संस्कृति का विकास हुआ और वेदों की रचना की गई। इतना ही नहीं पूरे विश्व को ज्ञान और संस्कार भी इस नदी के तट से दिए गए। इसलिए सरस्वती नदी का बहुत अधिक महत्व है, इस महत्व को जहन में रखकर ही सरकार लगातार अपने अथक प्रयास कर रही है।

         वे मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव के समापन अवसर पर पिहोवा में आयोजित सांध्यकालीन सरस्वती महाआरती के दौरान उपस्थित लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। इससे पहले हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन भारत भूषण भारती ने मंत्रोच्चारण और शंखनाद की ध्वनि के बीच महाआरती की। उन्होंने कहा कि यह पावन तीर्थ का दर्शनमात्र  ही मानव कल्याण की राह खोलता है। उन्होंने पिहोवा वासियों सहित समस्त प्रदेशवासियों को इस महोत्सव के आयोजन की बधाई देते हुए कहा कि देश ही नहीं अपितु विदेशों में भी इस महोत्सव का प्रचार-प्रसार बढ़ा है और विदेशों से भी लोग महोत्सव में शामिल हो रहे हैं । पिहोवा तीर्थ पर आने से ही मन को अपार शांति मिलती है।


         उन्होंने कहा कि सरस्वती तीर्थ की महता को जन-जन तक पहुंचाने के लिए सरकार प्रयासरत है। सरस्वती महोत्सव इस दिशा में सफलतम प्रयास है। यह तीर्थ हमारी धरोहर है, जिसके संरक्षण के साथ-साथ प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देना चाहिए। ऐसा करने से आने वाली पीढ़ी में संस्कारों का समावेश होगा, जिससे आपसी भाईचारा, प्रेम और शांति का माहौल बनेगा। हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड की तरफ से आदिबद्री से लेकर कैथल तक सरस्वती चैनल पर स्थित तीर्थ स्थलों और गांवों को विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। सरस्वती महोत्सव के दौरान ही इस चैनल पर स्थित करीब 100 गांवों में बंसत पंचमी के पावन अवसर पर पंचायतों के सहयोग से कार्यक्रमों का आयोजन किया गया और पूजा अर्चना कर प्रसाद का भी वितरण किया गया।


क्रमांक-2021


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