शहीद किसानों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की 




चंडीगढ़। 


हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि किसान आंदोलन जैसा जन आंदोलन इतिहास में कभी-कभी आता है। एक जन आंदोलन आजादी का जन आंदोलन था। उसके बाद दुनिया ने ऐसा कोई आंदोलन नहीं देखा, जो आज हमारे किसान-मजदूर भाई बेहद ही शांतिपूर्ण तरीके से कर रहे हैं।


 यह बातें हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने सिरसा के कालांवाली में कांग्रेस पार्टी द्वारा आयोजित किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहीं। सम्मेलन का आयोजन कालांवाली से कांग्रेस विधायक शीशपाल केहरवाला द्वारा किया गया। इस दौरान पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों और किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।


कुमारी सैलजा ने कहा कि पिछले पौने तीन महीने से किसान आंदोलन चल रहा है। 200 से ज्यादा किसानों की जान जा चुकी है। यह देखकर हमें बहुत दुख हो रहा है कि प्रधानमंत्री जी ने आज तक एक शब्द भी दिवंगत आत्माओं के बारे में सहानुभूति प्रकट करते हुए नहीं बोला, बल्कि आंदोलन कर रहे लोगों पर व्यंगपूर्वक शब्द इस्तेमाल किया। यह हमारे अन्नदाता हैं जो देश का पेट भरते हैं, दिन-रात मेहनत करते हैं। प्रधानमंत्री जी ने बार-बार हमारे देश को निराश किया। हम निराश हुए, लेकिन उनसे ऐसे शब्दों के प्रयोग की हमने कभी उम्मीद नहीं की थी। भाजपा ऐसी पार्टी है जो ऊपर कहते हैं, वही बात नीचे पहुंचती है। हरियाणा प्रदेश के कृषि मंत्री ने कल हमारी दिवंगत आत्माओं के बारे में जो कहा वह बेहद ही दुःखद है। ये देश की संस्कृति और सभ्यता के ठेकेदार बनते हैं। क्या इनके संस्कार यही सिखाते हैं। जो चला जाता है उसके बारे में सभी को दुःख होता है। अगर हम सहानुभूति नहीं जता सकते तो कम से कम उन्हें गलत बात न कहें।

 


कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार किसानों का मुनाफा नहीं करना चाहती। सरकार अपने पूंजीपति साथियों के मुनाफे के बारे में सोचती है। कृषि मंत्री कहते हैं कि इन कानूनों में काला क्या है। यहां तो पूरी दाल ही काली है। कृषि विरोधी काले कानूनों से यह सरकार कृषि क्षेत्र को अपने पूंजीपति साथियों के हाथों में सौंपना चाहती है। यह कानून कृषि क्षेत्र को पूरी तरह से बर्बाद कर देंगे। इन कानूनों के जरिए यह सरकार मंडिया खत्म करना चाहती है। सरकार कहती है कि हम मंडियां बंद नहीं करेंगे, मंडिया तो खुद ही बंद हो जाएंगी। सरकारी मंडियों में टैक्स लगेगा और बाहर टैक्स नहीं लगेगा। यह इस सरकार का मंडियों को खत्म करने का सोचा समझा षड्यंत्र है। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलेगा। बड़ा-बड़े पूंजीपति आएंगे तो किसान, मजदूर, छोटा व्यापारी और आढती खत्म हो जाएगा। कांट्रैक्ट फार्मिंग से बिहार के किसान मजदूर बनकर रह गए हैं। अब यह सरकार हरियाणा के किसानों को भी मजदूर बनाना चाहती है। कांग्रेस सरकार ने जमाखोरी रोकने के लिए कानून बनाया था। अब यह सरकार जमाखोरी को बढ़ावा देने के लिए कानून लाई है। यह सरकार अपनी जिद छोड़े और किसान-मजदूर की बात माने।


 


कुमारी सैलजा ने कहा कि केंद्र और हरियाणा की सरकार बड़ी-बड़ी बातें करती हैं। भाजपा द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने, स्वामीनाथन आयोग रिपोर्ट लागू करने जैसे तमाम वादे किसानों से किए गए थे। लेकिन इनके सब दावे खोखले निकले। आज महंगाई निरंतर बढ़ती जा रही है। पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं। तथ्य बताते हैं कि जब से यह सरकार आई है इन्होंने दो चार लोगों को ही फायदा पहुंचाया है। जो भी लोग इस सरकार की असलियत को उजागर करते हैं, उनकी आवाज दबाई जाती है।


 


कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा कहती है कि किसानों को कांग्रेस पार्टी बरगला रही है। देश का किसान अपना नफा-नुकसान जानता है। हरियाणा और पंजाब के किसान हरित क्रांति लेकर आए थे। देश को आत्मनिर्भर हमारे किसान और मजदूर भाइयों ने बहुत पहले कर दिया था। पहले हमारे देश को विदेशों से अन्न मंगवाना पड़ता था। लेकिन किसानों की अथक मेहनत से आज हमें विदेशों से अन्न नहीं मंगवाना पड़ता है। हरियाणा और पंजाब के किसान सबसे जयादा अन्न उगाते हैं। पूरे देश का पेट भरते हैं। कांग्रेस पार्टी श्री राहुल गांधी जी के नेतृत्व में किसानों के साथ खड़ी थी, खड़ी है और खड़ी रहेगी। कांग्रेस की सरकार आने पर यह काले कानून वापस लिए जाएंगे।


 


इस दौरान पूर्व सांसद सुशील इंदौरा, पूर्व सांसद चरणजीत सिंह रोड़ी, डॉ. केवी सिंह, हरियाणा कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता बजरंग दास गर्ग, होशियारी लाल शर्मा, ओमप्रकाश केहरवाला, नवीन केडिया, विनीत कंबोज, कुलदीप गदराना, हरियाणा कांग्रेस के महासचिव डॉ. अजय चौधरी, लाल बहादुर खोवाल, जगन्नाथ, सुभाष जोधपुरिया, पुष्पा महंत, उर्मिल भारद्वाज, आनंद बियानी समेत पार्टी के अन्य नेता मौजूद रहे।

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