चंडीगढ़ 

कांग्रेस विधायकों द्वारा अपनी ही सरकार पर काम न करने का आरोप लगाने पर टिप्पणी करते हुए आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद भगवंत मान ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस के विधायकों ने कैप्टन सरकार की चार साल की नाकामी का पर्दाफाश किया है। मान ने कहा कि आम आदमी पार्टी लंबे समय से यह कह रही है कि कैप्टन सरकार ने पंजाब के लोगों के लिए कुछ नहीं किया। आज खुद कांग्रेस के विधायकों ने हमारे आरोपो को सही साबित कर दिया।

उन्होंने कहा कि आज पंजाब का हर वर्ग मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की लापरवाही से दुखी है। कैप्टन ने 2017 के विधानसभा चुनावों से पहले श्री गुटखा साहिब हाथ में लेकर वादा किया था कि वे सरकार में आने के बाद माफिया शासन को समाप्त करेंगे, किसानों के सभी ऋणों को माफ करेंगे और चार सप्ताह में पंजाब से ड्रग्स को खत्म करेंगे। इसके अलावा उन्होंने बेरोजगार कर्मचारियों को नौकरी देने का वादा किया था। लेकिन सत्ता में आते ही, उन्होंने शपथ ली हुई बातों से इनकार कर दिया और लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया। उन्होंने कहा कि पंजाब में माफिया शासन को खत्म करने के बजाय, कैप्टन माफिया शासन का मास्टरमाइंड बन गये हैं। उनकी सुरक्षा में ही माफिया शासन पनपा है। पंजाब के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत हैं। वे युवाओं को नौकरी देने के वादे को भी पूरा नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी जनता के दरबार में कैप्टन सरकार के इस खराब नीतियों को उजागर करेगी। राज्य की जनता त्रस्त है लेकिन कैप्टन साहब कुम्भकरण की नींद सो रहे हैं।  

उन्होंने कहा कि पहले भी नाथू राम, समशेर सिंह दुल्लो, प्रताप सिंह बाजवा जैसे कई कांग्रेसी नेता चिल्लाते रहे लेकिन कैप्टन ने उनकी बात नहीं मानी। पंजाब के कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी विधानसभा में जरूरी मुद्दा उठाया था, लेकिन कैप्टन ने उसपर कुछ नहीं किया। कैप्टन के बचाव में आए कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ के बारे में उन्होंने कहा कि अगर जाखर सही चाहते तो वे कैप्टन को लोगों की असली समस्याओं के बारे में बताते, लेकिन वे कैप्टन को इसके विपरीत करने की सलाह दे रहे हैं। जाखड़ साहब कहते हैं कि अभी किसान आंदोलन चल रहा है, यह उचित समय नहीं है राजनीतिक बयानबाजी की, लेकिन उन्हें यह याद रखना चाहिए कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की गलती के कारण ही आज किसानों का भविष्य खतरे में है। कैप्टन अमरिंदर सिंह हाई पावर कमेटी के सदस्य थे और उन्होंने काले कानूनों का समर्थन किया था। उन्होंने कहा कि जिस तरह देश के अन्य राज्यों में कांग्रेस का सफाया हो गया है, उसी तरह 2022 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का पंजाब से भी सफाया हो जाएगा।

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