• .... आप को लोगों से मिल रहे समर्थन से कैप्टन घबरा गए हैं, चुनाव जीतने के लिए लिया हिंसा का सहारा - अमन अरोड़ा
  • ....कांग्रेस के गुंडों की धुन पर नाचने वाले सिविल और पुलिस अधिकारियों को अपने किये का अंजाम भुगतना होगा
  • ....14 फरवरी की हिंसा से स्पष्ट हुआ कि पुलिस और चुनाव आयोग ने कांग्रेस के विंग के रुप में किया काम
  • .... चुनाव लूटने के लिए कांग्रेस के गुंडों ने किया आप कार्यकर्ताओं पर हमला

 


चंडीगढ़ 

नगर निकाय चुनावों के मतदान के दिन कांग्रेस के गुंडों द्वारा हिंसा और बूथ कैप्चरिंग की घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आम आदमी पार्टी ने कहा कि यह पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा लोकतंत्र पर किया गया हमला है। सोमवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया को संबोधित करते हुए आप के वरिष्ठ नेता और विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि 14 फरवरी का दिन पंजाब में लोकतंत्र के लिए काला दिन था। उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर के लिए बेहद शर्म की बात है कि राज्य के गृह मंत्री होने के बावजूद उन्होंने चुनावों को लूटने की कोशिश की और अपने गुंडों की मदद से लोकतंत्र की हत्या करवाई। कैप्टन चुनाव के दौरान राज्य की कानून व्यवस्था बनाए रखने में बुरी तरह विफल रहे। उन्होंने मतदान के दौरान लोगों के वोट के अधिकार को छीनने और लोकतांत्रिक व्यवस्था को खराब करने की कोशिश की।

उन्होंने कहा कि कैप्टन लोगों की उम्मीदों को पूरा करने में विफल रहे और जब लोग बदलाव के लिए मतदान करने निकले, तो उन्होंने अपने गुंडों से हिंसा करवाई और लोगों को मतदान करने से रोकने की कोशिश की। हिंसा की घटना पर कैप्टन की चुप्पी यह साबित करती है इन हिंसक कृत्यों का संचालन मुख्यमंत्री खुद कर रहे थे। कैप्टन राज्य के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री होने के बावजूद लोगों के वोट के अधिकार की रक्षा की रक्षा नहीं कर सकें। चुनाव के दौरान राज्य की कानून-व्यवस्था बनाए रखने में नाकाम होने के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह तुरंत इस्तीफा दें। उन्होंने चुनाव आयोग और पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा कि मतदान के दिन हुई सभी घटनाओं ने साबित कर दिया कि चुनाव आयोग और पुलिस दोनों ने कैप्टन अमरिंदर सरकार के इशारे पर काम किया। 2022 में आप की सरकार बनने के बाद कांग्रेस के गुंडों की धुन पर नाचने वाले सिविल और पुलिस अधिकारियों को अपने किए का अंजाम भुगतना होगा। 

उन्होंने कहा कि समाना और राजपुरा में कांग्रेस के गुंडों ने मतदान केंद्रों में प्रवेश किया और मतदाताओं को धमकाकर बाहर निकाल दिया और दरवाजे बंद कर दिए। चुनाव अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए अरोड़ा ने कहा कि पीठासीन अधिकारी ने इन गुंडों की सहायता की और उनकी सहायता से कांग्रेस के गुंडे फर्जी वोट डालते गए। उन्होंने मतदान केंद्र के अंदर का एक वीडियो मीडिया के साथ साझा किया और दिखाया कि कैसे कांग्रेस का एक गुंडा अधिकारियों के बिना किसी प्रतिरोध के बार-बार कांग्रेस का बटन दबा रहा था। जब हमारे कार्यकर्ताओं ने इसके खिलाफ आवाज उठाई तो उनकी कांग्रेस के गुंडे और पुलिस ने बेरहमी से पिटाई की। वहीं पट्टी में कांग्रेस के गुंडों ने पिस्तौल के साथ मतदान केंद्र में प्रवेश किया और सभी मतदाताओं को मतदान केंद्र खाली करने की धमकी दी। जब आप कार्यकर्ताओं वहां जमा हुए और उन गुंडों को रोकने की कोशिश की तो उन गुंडों ने हमारे कार्यकर्ताओं से हाथापाई की और उनपर गोली चलाई। गोली लगने से एक आप कार्यकर्ता मनवीर सिंह गंभीर रुप से घायल हो गए। वे अमृतसर के एक अस्पताल में भर्ती हैं।

अरोड़ा ने पुलिस पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं ने जब पुलिस से हथियारबंद गुंडों की शिकायत की तो पुलिस ने हथियारों के साथ मतदान केंद्र में प्रवेश करने वाले गुंडों को गिरफ्तार करने के बजाय एक आप कार्यकर्ता लालजीत भुल्लर की बुरी तरह पिटाई की और उन्हें हिरासत में ले लिया। मतदान होने तक उन्हें रिहा नहीं किया गया। इसी तरह बठिंडा, अबोहर, फाजिल्का और फिरोजपुर में भी मतदाताओं को मतदान केंद्रों से बाहर कर दिया गया और पुलिस द्वारा कांग्रेस के गुंडों को खुलेआम फर्जी वोट डालने की अनुमति दी गई। वहां भी जब हमारे कार्यकर्ता उन्हें रोकने गए, तो पुलिस ने कांग्रेस के गुंडों के साथ मिलकर उन्हें पीटा। कपूरथला में राणा गुरजीत के गुंडों ने आम मतदाताओं और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं की पिटाई की और उन्हें वोट न देने के लिए धमकाया।

उन्होंने कहा कि कपूरथला के डीसी ने शाम 4 बजे एक रिपोर्ट जारी कर 62.16त्न मतदान होने की बात बताई थी। लेकिन फिर कुछ घंटों बाद एक और रिपोर्ट जारी की गई जिसमें बताया गया कि मतदान प्रतिशत लगभग 68.89त्न था। यह 6त्न वृद्धि कैसे हुई? क्या डीसी कपूरथला या राज्य चुनाव आयोग के पास इसका जवाब है? अरोड़ा ने आगे कहा कि मालेरकोटला और अन्य स्थानों में रिटर्निंग अधिकारियों ने पोलिंग एजेंट को फॉर्म 33 नहीं दिए हैं, जिसे आप नेताओं को वापस लेना था और इसे स्वयं प्राप्त करना था, ताकि रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा इसे अधिकृत किया जा सके। ये सभी घटनाएं साबित करती हैं कि पुलिस और राज्य चुनाव आयोग ने कांग्रेस के इकाई के रूप में काम किया। कैप्टन सरकार ने चुनाव जीतने के लिए हिंसा का सहारा लिया और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया। 

कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधते हुए अरोड़ा ने कहा, कैप्टन ऐसा क्यों कर रहे है? इसका एक स्पष्ट और सरल कारण है। पिछले कुछ दिनों से आम आदमी पार्टी को पंजाब के लोगों का काफी समर्थन मिल रहा है। पंजाब के लोग बेहतर पंजाब बनाने के लिए बदलाव चाहते हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह को इसी बात से डर लगता है।उन्होंने कहा कि कैप्टन ने पहले आप को बदनाम करने की कोशिश की और अपने सहयोगी सुनील जाखड़ से मीडिया साक्षात्कार कर आप पर झूठे इल्जाम लगाने को कहा। जब यह काम नहीं किया तो उन्होंने अपने गुंडों के माध्यम से लोगों को वोट डालने से रोका और लोकतंत्र का कत्ल करवाया।

 

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