• -पंजाब सरकार भ्रष्टाचार का अड्ढा बना- राघव चड्ढा 
  • -महामारी के दौर में भी सरकार घोटाले कर पैसे जुटाने में लगी




चंडीगढ़

आम आदमी पार्टी (आप) ने कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की ओर से ‘फतेह किट’ खरीदने में किए भ्रष्टाचार की शिकायत पंजाब के लोकपाल को की है और मांग की है कि महामारी के दौर में पंजाब के खजाने को भारी आर्थिक नुक्सान पहुंचाने के लिए जि़म्मेदार राजनैतिक और प्रशासनिक व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।

राघव चढ्डा ने कहा कि वह यह शिकायत एक पंजाबी, एक जन प्रतिनिधि और पंजाब की प्रमुख विरोधी पक्ष के सह-प्रभारी के रूप में अपनी जि़म्मेदारी को निभाने के लिए लिख रहे हैं, क्योंकि मैं कोरोना महामारी के दौर में बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दों की तरफ आप जी का ध्यान दिलाने के लिए मजबूर हूं। कोविड-19 महामारी के समय में मौजूदा कांग्रेस सरकार के अधीन प्रशासन की तरफ से किये गए भ्रष्टाचार के साथ प्रभावित हो रहे पंजाब वासियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए आप जी की दखल अन्दाजी की तुरंत जरूरत है। इस मुसीबत के समय में पंजाब के बीमार लोगों की हालत देख कर दिल दहल जाता है, क्योंकि पंजाब के खराब सेहत ढांचे ने शमशानघाटों को भी शर्मसार कर दिया है और राज्य में शासन व्यवस्था फेल हो चुकी है। गंभीर संकट और दुख की घड़ी में बड़े स्तर पर घोटाले करना मौजूदा कांग्रेस सरकार की बड़ी लापरवाही जनतक होती है। इतने बड़े स्तर पर घोटाले की योजना बनाने में राजनैतिक कार्यप्रणाली की अहम मिलीभगत की संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता। प्राप्त हुए ठोस तथ्यों को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि कांग्रेस सरकार ने ‘आफ़त को अवसर’ के रूप में इस्तेमाल करते ‘फ़तेह किट’ की खरीद में करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार किया है, जो कि कोरोना पीडि़त के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाती है।

राघव चढ्डा ने कहा कि यह किसी से छुपा नहीं है कि मौजूदा समय में पंजाब कोविड 19 की दूसरी लहर के विनाशकारी और घातक हमले से जूझ रहा है और प्रदेश में मौत दर सब से ज़्यादा है। कोरोना के इस गंभीर हमले के कारण ‘कोविड फ़तेह किट ’ के नाम और योजना के अंतर्गत कोविड 19 के इलाज के लिए ज़रूरी सामग्री और जरूरी इलाज किट के लिए टेंडर जारी किये गए, फिर समझौते किए और समझौते रद्द किए गए। फ़तेह किट खऱीदने की टेंडर प्रक्रिया में एक कथित बड़े घोटाले को अपवित्र तरीके से अंजाम दिया गया है। टेंडर प्रक्रिया से पता चलता है कि सरकार की तरफ से इस प्रक्रिया से अनुचित आर्थिक लाभ लेने की लालसा के साथ कई ज़्यादा कीमत वाले टेंडर मंजूर किये गए हैं, जिस से राज्य के खजाने को भारी नुक्सान हुआ है। यह नुक्सान विशेष रूप से कोविड 19 महामारी के समय में हुआ है। यह नहीं भूलना चाहिए कि संकट के समय में सरकार ही अपने लोगों के जान माल की सुरक्षा करने के लिए जिम्मेदार होती है और सरकार को प्रदेश के लोगों की हर पक्ष से सहायता करनी चाहिए, परन्तु पंजाब की कांग्रेस सरकार मानव जाति पर आए इस गंभीर संकट के समय में भी आर्थिक लाभ लेने में व्यस्त है।

राघव चढ्डा ने कहा कि इस भ्रष्टाचार के पूरे मामले को मौजूदा पंजाब सरकार की सहायता के साथ योजनाबध्द तरीके से अंजाम दिया गया है, जिसकी तथ्यों और सबूतों के साथ पुष्टी की जा सकती है। यह तथ्य और सबूत खोजी प्रतिनिधियों की तरफ से आम लोगों के साथ की बातचीत और जांच पड़ताल के साथ सामने आए हैं। यह सर्व प्रवानित सिद्ध हो गया है कि इलाज किट खऱीदने में भ्रष्टाचार करने के लिए जानबूझ कर बार बार टेंडर प्रक्रिया की गई थी, जब कि समझौताबद्ध हुए पहले टेंडर की किट देने की मियाद 180 दिन तय की गई थी।  जिक्रयोग्य है कि इलाज किट खऱीदने के लिए पहला टेंडर संगम मेडिकल स्टोर के साथ समझौताबद्ध किया गया था, जिस ने एक फ़तेह किट केवल 837 रुपए में देने के लिए स्वीकार किया था, परन्तु इस स्टोर से कुछ हज़ार किटों ही तय कीमत पर खऱीदने के बाद नये टेंडर के द्वारा 940 रुपए प्रति किट की कीमत पर खऱीदने के हुक्म किये गए। इस के बाद ग्रेड वे इन कॉपोरेशन को 1226 रुपए प्रति किट की दर के साथ टेंडर जारी किये गए। यह भी सामने आया है कि ग्रेड वे मेडिकल लाइसेंस होने की कसौटी पर भी कानूनी रूप के साथ खरी नहीं उतरती, परन्तु फिर भी सरकार को किटें देने के लिए इस को चुना गया। हैरान करने वाली बात यह है कि सरकार ने दूसरे टेंडर के द्वारा 1226.40 रुपए के हिसाब से 50 हज़ार फ़तेह किटें खरीदीं। इस के बाद बड़ी घटना यह घटी कि सरकार ने 1, 50,000 किटों का एक ओर ऑर्डर 1338.40 रुपए की दर के साथ उसी ग्रेड वे इन कॉरपोरेशन को दिया था, जो कि संगम मेडिकल स्टोर की तुलना में बहुत ज़्यादा महंगा समझौता था। दिलचस्प बात यह है कि पंजाब सरकार ने कोरोना इलाज की किट खऱीदने के लिए बार बार टेंडर जारी किये और हर बार ही कीमत में तब्दीली की गई, जिस से पता चलता है कि फ़तेह किट खऱीदने में भ्रष्टाचार हुआ है। 

राघव चढ्डा ने कहा कि पंजाब सरकार फ़तेह किट और वैक्सीन के मुद्दे पर अपनी जवाबदेही से बच रही है, जब भी प्रदेश के सेहत मंत्री से कथित घोटाले के बारे पूछा जाता है तो वह इस की जि़म्मेदारी अपने सीनियरों को देना पसंद करते हैं। इन कथित घोटालों सम्बन्धित जवाबदेही की कमी के कारण पंजाब के मुख्यमंत्री की भूमिका से इन्कार नहीं किया जा सकता। इस लिए इन घोटालों की विशेष जांच करवाने की ज़रूरत है। 

राघव चढ्डा ने लोकपाल को नम्रता सहित निवेदन करते कहा कि कोरोना महामारी के दौर में हुए भ्रष्टाचार की गहराई को समझ कर तुरंत कार्यवाही अमल में लाएंगे और इस में शामिल व्यक्तियों (राजनैतिक और कार्यपालिका वाले) को दोषी सिद्ध करोगे। 


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