• हालाँकि नगर प्रशासन की ओर से कार में भी सामाजिक दूरी के बारे में कोई भी निर्देश नहीं है


चण्डीगढ़ : 

चण्डीगढ़ में 4 जून को एक सीनियर सिटिजन राजेश कुमार का कार में बैठे होने पर भी सामाजिक दूरी का एक ही दिन में दो बार 500-500 रूपए का चालान संख्या 84736 और 99553 काट दिया गया।

हैरानी की बात है कि दोनों बार ही न तो वीडियोग्राफी की गई और न ही इसकी वजह बताई गई। पीजीआई से धनास जाती सडक़ की ओर नाका वाले ने न तो कोई यूनीफार्म पहनी थी और न ही उसने अपनी पहचान बताई जबकि बार-बार ये कहने पर कि प्रशासन द्वारा ऐसा कोई  दिशा-निर्देश नहीं है, तो यह धमकी दी गई कि अगर वह चालान नहीं कटवाएंगे तो उन पर सरकारी काम में बाधा डालने का केस अलग से दर्ज करवाया जाएगा,क्योंकि वह सीधे डीसी को रिपोर्ट करते हैं। आखिर कार उसने 500/- रूपए का चालान काट ही दिया जिसे राजेश कुमार ने मौके पर चुका दिया।

वही सिनियर सिटिजन राजेश कुमार जब कुछ ही समय बाद से. 26  मध्य मार्ग की मार्किट पहुँचते हैं तो वहाँ भी इसी तरह फिर से कार में बैठे ही सोशल डिसटेंसिंग का चालान काट दिया गया। इस बार भी सादे कपड़ों में चालान काटने वाले ने सीधे चालान काट कर 500 रुपए वसूल कर लिए।

राजेश कुमार ने हैरानी जताई कि जब नगर प्रशासन की ओर से कार में भी सामाजिक दूरी के बारे में कोई भी निर्देश नहीं है, तो फिर ये चालान क्यों काटे गए।


कार में सामाजिक दूरी की चालान : चण्डीगढ़ प्रशासन को चुनौती देंगें पीड़ित सीनियर सिटिजन    


चण्डीगढ़ : कार में सोशल डिसटेंसिंग यानि सामाजिक दूरी का दो बार अलग-अलग जगहों पर चालान कटने पर सीनियर सिटिजन राजेश कुमार खासे खफा हैं। पीड़ित राजेश कुमार का कहना है कि वह इस चालान को पहले तो चंडीगढ़ प्रशासन के समक्ष चैलेंज करेंगे और अगर न्याय नहीं मिला तो वह पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। राजेश कुमार ने कहा कि एक तरफ चण्डीगढ़  ट्रेफिक पुलिस प्रेस क्लब में सीनियर सिटिजन मीडिया के लोगों को विशेष स्टिकर जारी करने के लिए 8 जून को विशेष कैंप लगा रही है तो दूसरी और प्रशासन के लोग सीनियर सिटिजन्स को परेशान करने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि वह चण्डीगढ़ प्रशासन से सोशल डिसटेंसिंग के नाम पर चालान संख्या 84736 और 99553 दिनांक 4 जून 2021 को 500-500 रुपए के दो चालान काट कर मानसिक तौर पर परेशान करने का केस दर्ज करवाने की मांग करेंगे, फिर भी अगर यहां सुनवाई नहीं हुई तो वह न्याय लिए हाईकोर्ट जाएंगे।

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