प्रवेश फरंड चंडीगढ़ 


जैन समुदाय सदैव भगवान महावीर जी द्वारा दी गई शिक्षा का पालन करती आई है जिसमें जीओं और जीने दो, अहिंसा परमों धर्म का सिद्धांत है। जैन साधु साध्वियों का जीवन तप् और वैराग्य से भरा हुआ होता है, वे जीवन में सिर्फ लोगों को सही व सत्य के मार्ग पर चलना ही सिखाते हैं और जैन साधु साध्वियों का अनुसरण पूरा समुदाय करता हैं। जैन समुदाय का देश के हर क्षेत्र में अतुल्य योगदान है। लेकिन देश में कुछ शरारती तत्त्व भी हैं जो कि जैन समुदाय की निंदा कर रहे हैं और अपशब्द बोलने से बाज नही आते है और उनपर आत्मघाती हमला करते हैं, वे जैन समुदाय के धर्म से अजान है। यह बात श्री आत्मानंद जैन सभा, सेक्टर 28 के कार्यकारी सदस्य विकास जैन एवं सलाहकार सुशील जैन ने कही।


विकास जैन ने बताया कि हाल ही में किसी सोशल मीडिया के माध्यम से जैन मुनियों के बारें में अपशब्द बोले गये है जो कि निंदनीय है और इन शब्दों को कोई अर्थ नही है तथा वे जैन समुदाय द्वारा देश के जनहित तथा सामाजिक कार्यो से अंजान है।  उन्होंने कहा कि जैन साधु साध्वियों का जीवन तप् और वैराग्य से भरा हुआ होता है, वे जीवन में सिर्फ लोगों को सही व सत्य के मार्ग पर चलना ही सिखाते हैं। ऐसे में जैन समुदाय के बारें में भडक़ाना व गलत टिप्पणी करना सरासर गलत है। आज पूरा देश जैन समुदाय पर हो रहे अत्याचारों से परेशान व हताश है। विकास जैन ने कहा कि दुनिया को जैन संतों के उपदेशों का अनुसरण करना चाहिए ना कि उनके लिए अपशब्दों का इस्तेमाल। इससे वे बुराई करके अपने खुद के कर्म बांधते हैं और पाप के भागीदारी बन जाते हैं।


उन्होंने बताया कि बीते लगभग 4 वर्ष पूर्व जैन गछाधिपति श्री रत्नाकरसुरिश्रवर जी महाराज साहिब को एक ट्रक के नीचे कुचला जाना तथा इस दौरान उनके साथ जो साध्वी विहार कर रही थी उनका भी ट्रक से कुचला जाना, ऐसी कई घटनाएं हंैं जो कि जैन समुदाय के लिए घातक बनी हैं। सरकार को संवेदनशील स्थानों पर जैन साधु साध्वियोंं को सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए। जिसके लिए वे देश के माननीय प्रधानमंत्री को पत्र भी जल्द लिखेंगे।

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