प्रवेश फरंड चंडीगढ़ 


'डाइकिन , भारत को अपना मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की सोच रही है और भारत में अपने संचालन का विस्तार करने की प्रक्रिया में है। इसमें तीसरा कारखाना स्थापित करना, अपनी आर एंड डी को बढ़ाना और जलवायु अनुकूल एसी तैयार करने की योजना शामिल है। डाइकिन इंडिया का लक्ष्य भारतीय सहायक कंपनी के जरिए निर्यात करके पूर्वी अफ्रीका में विस्तार करना और भारत मेंं अपना कारखाना 40 से 45 एकड़ में फैलाना है। साथ ही हम कोविड-19 संकट से उत्पन्न हुए आर्थिक प्रभावों की परवाह किए बिना, विकास हेतु किसी भी आवश्यकता को पूरा करने की क्षमता बढ़ाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं,' डाइकिन इंडिया के क्षेत्रीय निदेशक (नॉर्थ) संदीप रेखी ने यहां डाइकिन इंडिया द्वारा आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा।


देश भर में चल रही कोविड-19 वेव्स और बार-बार लगते लॉकडाउंस के बीच, डाइकिन इंडिया 2021 की पहली तिमाही में चंडीगढ़, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में सबसे पसंदीदा और नंबर वन एसी ब्रांड के रूप में उभरा है।


जीवनशैली में बदलाव के साथ, रहने की स्वच्छ और उपयोगी जगह की आवश्यकता बढ़ गयी है। घर से काम करने के लिए स्मार्ट एयर-कंडीशनिंग की आवश्यकता होती है जो कूलिंग, वेंटिलेशन और वायु शोधन जैसी प्राथमिकताओं को प्रबंधित करने की क्षमता प्रदान करने के अलावा तकनीकी रूप से दैनिक आवश्यकताओं को सपोर्ट करती हो।


डाइकिन इंडिया, सभी मूल्य बिंदुओं पर उपलब्ध रूम एसी की एक विस्तृत रेंज के साथ ग्राहकों का पसंदीदा रहा है और मेड इन इंडिया अभियान का विशेष रूप से हमारे उद्योग पर मजबूत प्रभाव पड़ा है, क्योंकि भारत में एयर कंडीशनिंग की पहुंच का स्तर अभी भी केवल 6 - 7 प्रतिशत ही है। भारतीय ग्राहकों के कीमत के प्रति जागरूक होने के साथ हमें बाजार में अपनी हिस्सेदारी और मुनाफे के बीच सावधानी से चलना होगा। हम ग्राहकों और बाजार को बेहद विनम्रतापूर्वक डायकिन की प्रौद्योगिकी, गुणवत्ता और दक्षता के बारे में शिक्षित और विकसित करना चाहते हैं।

 

स्थानीयकरण के कुछ स्पष्ट लाभ हैं, जैसे लागत में कमी, आयात और मुद्रा में उतार-चढ़ाव। लेकिन इससे भी अधिक, डिजाइन से शॉप तक या प्रोटोटाइप से फाइनल प्रोडक्ट तक के लिए हमारा रिस्पांस टाइम काफी कम हो गया है। भारतीय ग्राहक बहुत मांग कर रहे हैं और एयर कंडीशनिंग में प्रतिस्पर्धा गतिशील व चुनौतीपूर्ण है। भारत में हमारा मैन्युफैक्चरिंग विकास इंजन देश में सबसे बड़ा और सबसे बड़े एचवीएसी इकोसिस्टम वाला है। इसमें भारत का सबसे बड़ा एचवीएसी अनुसंधान एवं विकास केंद्र, सबसे बड़ा कारखाना, सबसे बड़ा प्रशिक्षण केंद्र और नीमराना, राजस्थान में सबसे बड़ा गोदाम शामिल है।

 

डाइकिन इंडिया के क्षेत्रीय निदेशक (नॉर्थ) संदीप रेखी कहते हैं, 'हमने भारतीय आवश्यकताओं के अनुकूल जापानी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए यहां की अत्यधिक तापमान रेंज, 49 डिग्री सेल्सियस तक, के अनुरूप एक उत्पाद रेंज तैयार की है। असरदार क्षेत्रीय मार्केटिंग अभियानों और इंडियन प्रीमियर लीग के साथ लंबी साझेदारी के माध्यम से हमने कश्मीर से कन्याकुमारी तक हर गली-नुक्कड़ पर ध्यान दिया, जिससे हमारी पहुंच 1.3 अरब उपभोक्ताओं तक हो गयी।'

 

हाल ही में डाइकिन को पार्टनर निक्केन सेक्की के साथ, उभरते बाजारों के लिए कम जीडब्ल्यूपी रेफ्रिजरेंट पर चलने वाली दो विशेष रूप से अनुकूलित इनडोर इकाइयों का उपयोग करके लगातार कमरे के तापमान और नमी  को सुनिश्चित करने के लिए एक नयी प्रणाली विकसित करने हेतु ग्लोबल कूलिंग पुरस्कार से सम्मानित किया गया। ग्लोबल कूलिंग प्राइज भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के नेतृत्व में एक वैश्विक गठबंधन द्वारा लॉन्च किया गया था, जिसमें अग्रणी वैश्विक शोध निकाय रॉकी माउंटेन इंस्टीट्यूट (आरएमआई) तथा मिशन इनोवेशन शामिल है। यह दुनिया भर में स्वच्छ ऊर्जा नवाचार में तेजी लाने के लिए 24 देशों सहित यूरोपीय संघ की एक अंतरराष्ट्रीय पहल है।

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