• अपने हकों के लिए संघर्ष करने वाले डाक्टरों के तबादले तुरंत रद्द करे सरकार: डा. रवजोत



चंडीगढ़

पंजाब के समूह सरकारी डाक्टरों की ओर से काम छोड़ हड़ताल पर जाने के फ़ैसले के लिए कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ज़िम्मेदार है, क्योंकि कैप्टन सरकार ने तनख़्वाह कमिशन के नाम पर डाक्टरों के बहुत से वित्तीय लाभ ख़त्म कर दिए हैं। यह बयान देते आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सूबा प्रधान और सांसद भगवंत मान ने कैप्टन सरकार से मांग की है कि हड़ताल कर रहे डाक्टरों की मांगे मान कर उनके भत्ते तुरंत बहाल किये जाएं।

रविवार को पार्टी के मुख्य दफ़्तर से जारी बयान के द्वारा भगवंत मान और डाक्टर विंग के सूबा प्रधान डा. रवजोत ने कहा पंजाब की कैप्टन सरकार ने तनख़्वाह कमिशन के नाम पर पंजाब के सभी सरकारी मुलाजिमों के साथ एक बड़ा मज़ाक किया है, क्योंकि सरकार के फ़ैसले से मुलजिमों को वित्तीय लाभ मिलने की बजाए भारी वित्तीय नुक्सान बरर्दाश्त करना पड़ रहा है। मान ने दोष लगाया कि कैप्टन सरकार ने डाक्टरों के नान प्रैकटिसिंग अलाऊंस को 25 प्रतिशत से घटा कर 20 प्रतिशत कर दिया है, जिस की आम आदमी पार्टी सख़्त निंदा करती है।

डाक्टर विंग के सूबा प्रधान डा. रवजोत ने बताया कि जब सूबे के सरकारी डाक्टरों ने कांग्रेस सरकार के इस फ़ैसले का विरोध किया और अपने हक के लिए संघर्ष किया तो तानाशाह बने कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने डाक्टरों के नेताओं की धक्के से दूर दराज तबादले कर दिए। जिससे वह कैप्टन की तानाशाही के ख़िलाफ़ संघर्ष न कर सकें। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में अपनी जान जोखिम में डाल कर पंजाब के लोगों की सेवा करने वाले डाक्टरों के साथ कैप्टन सरकार की तरफ से किया जा रहा ऐसा व्यवहार अति निंदनीय है।

संसद मैंबर भगवंत मान और डा. रवजोत ने कहा कि पंजाब से कोरोना महामारी का प्रकोप ख़त्म नहीं हुआ और कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी दी जा रही है। ऐसी हालत में डाक्टरों के हक मारना सूबा सरकार को शोभा नहीं देता। आप नेताओं ने पंजाब सरकार से मांग की है कि डाक्टरों को पहल की तर्ज़ पर ही बेसिक तनख़्वाह के साथ भत्ते दिए जाएं और संघर्ष करने वाले डाक्टर नेताओं की के तबादले तुरंत रद्द की जाएं जिससे समूह डाक्टर बेफिक्र हो कर तीसरी लहर के समय लोगों का इलाज कर सकें।

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