• ...सुविधाओं और बिजली की कमी के कारण पंजाब से कूच कर रहे हैं उद्योगपति, पंजाब का खजाना हो रहा है खाली
  • ...कैप्टन सरकार की लापरवाही के कारण उद्योगों को हर दिन होता है करोड़ों का नुक्सान, मुआवजा दे सरकार


चंडीगढ़

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के प्रधान और सांसद भगवंत मान ने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों के कारण पंजाब के उद्योग दूसरे राज्यों की ओर जा रहे हैं, क्योंकि कैप्टन सरकार उद्योगों को बिजली और अन्य सुविधाएं प्रदान करने में फेल हुई है। राज्यों में पहले बादलों के 10 साल के राज में वसूले जाते अलग अलग तरह के गुंडा टैक्सों से उद्योगपति और व्यापारी परेशान हो रहे थे और अब कैप्टन की कांग्रेस सरकार भी बादलों के रास्ते पर चल रही है। इस कारण उद्योगपति और व्यापारी परेशान हो रहे हैं और वह अपने उद्योग पंजाब में उत्तर प्रदेश में ले कर जाने का फैसला किया है।

मान ने कहा कि पंजाब के स्टील पार्टस, डाइंग यूनिट, यार्न, साइकिल पार्टस, टेक्सटाइल आदि समेत 50 से ज़्यादा उद्योग मालिकों ने उत्तर प्रदेश में उद्योग स्थापित करने की इच्छा जाहिर की है और इसके बदले 24 घंटे बिजली की निर्विघ्न सप्लाई समेत अलग अलग जिलों में ज़मीन प्राप्ति की मांग की थी। उन्होंने कहा कि पंजाब की कैप्टन सरकार उद्योगों को 24 घंटे बिजली की सप्लाई और अन्य सुविधा देने में नाकाम रही है। इस लिए उद्योगपतियों की तरफ से अपने कारोबार के लिए परिवर्तिनी प्रबंधों और स्थानों की तलाश की जा रही है। ऐसा होने से पंजाब का खजाना खत्म होने की कगार पहुंच जायेगा।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह पर कोई भी वायदा पूरा न करने का दोष लगाते भगवंत मान ने कहा कि कैप्टन ने उद्योगों को 5 रुपए प्रति यूनिट दर पर बिजली देने का वायदा करके देश भर से महंगी बिजली पंजाब के उद्योगों को दी है। इस के साथ ही कैप्टन अमरिन्दर सिंह के साशन में छोटे व्यापारियों, दुकानदारों, किसानों और उद्योगपतियों को भारी वित्तीय और प्रशासनिक समस्याओं का सामना पड़ रहा है। मान ने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह के साढ़े चार सालों के राज दौरान पंजाब में कोई औद्योगिक क्रांति नहीं हुई, बल्कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पंजाब वासियों और उद्योगपतियों कारोबारियों को नजर अंदाज किया जा रहा है। इस के साथ पंजाब के खजाने को घाटा होने के साथ साथ मजदूर भी बेरोजग़ार हो रहे हैं।

आप नेता मान ने आगे कहा कि सत्ताधारी कैप्टन सरकार और पिछली बादल सरकार की नाकामी के कारण पंजाब की बड़ी और छोटे उद्योग इकाईयां अब उत्तर प्रदेश में जा रही हैं। उन्होंने पंजाब सरकार से मांग की है कि बिजली की कमी होने के कारण उद्योगों को हुए आर्थिक नुक्सान की भरपाई की जाए और उद्योगों को पंजाब से बाहर जाने से रोकने के लिए उचित नीति बनाई जाए।

 


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