• ...कैप्टन द्वारा बिजली ख़रीद समझौतों के बारे में फैसले न लेने के कारण बिजली के भारी संकट से गुजर रहा है पंजाब 
  • ...‘आप’ द्वारा विधान सभा में बिजली सम्बन्धित लाए प्रस्ताव पर क्यों नहीं हुई कार्रवाई



चंडीगढ़,
पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार द्वारा अपनी गहरी नींद से जागे अब बिजली ख़रीद समझौतों पर विचार करने की ख़बरें और अपनी प्रतिक्रिया ज़ाहिर करते आम आदमी पार्टी ने इसको एक बार फिर लोगों की आंखों में धूल झोंकने वाला फैसला करार दिया है। मीडिया में जारी बयान के द्वारा आम आदमी पार्टी के सीनियर नेता और सुनाम से विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि पंजाब की सत्ता पर काबिज रही कांग्रेस, अकाली दल बादल और भाजपा पार्टियों ने बिजली खरीदने के नाम पर किए समझौतों के द्वारा पंजाब के लोगों को लूटने का ही काम किया है, इसी लिए गर्मी के सीजन में पंजाब को कोयले के पावर प्लांटों से 12.40 रुपए और 17 रुपए सोलर पावर प्लांटों से प्रति यूनिट बिजली खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। अरोड़ा ने कहा कि सूबे में बिजली सप्लाई की बनी बुरी स्थिति के लिए बादल और कैप्टन सरकारें जिम्मेदार हैं। 
विधायक अमन अरोड़ा ने कहा अकाली भाजपा सरकार के समय किए पंजाब विरोधी बिजली समझौते और कैप्टन सरकार की गलत नीतियों के कारण भीषण गर्मी में पंजाब का बच्चा बच्चा घरों से बाहर निकल कर धरने प्रदर्शन कर रहा है और ट्यूबवैलों की बिजली न आने के कारण किसानों को मजबूरीवश धान की फ़सल खेतों में जोतनी पड़ रही है।
अरोड़ा ने कहा कि पिछले चुनाव के समय तो कैप्टन अमरिंदर सिंह और कांग्रेस पार्टी ने बादलों की ओर से किए बिजली समझौते रद्द करने और समझौतों के बारे में वाइट पेपर जारी करने का वायदा किया था, परन्तु सत्ता में आए कैप्टन अमरिंदर सिंह को चार सालों से ज़्यादा समय हो गया है, न तो बिजली समझौते रद्द किये गए और न ही वाइट पेपर जारी किया गया है। उन्होंने दोष लगाया कि बादलों की ओर से प्राईवेट थर्मल प्लांटों के साथ किये गए गलत समझौते और मौजूदा कांग्रेस सरकार की तरफ से समझौते रद्द न किये जाने के कारण सूबे में बिजली की बुरी हालत बनी है। गलत समझौतों के कारण जहां थर्मल प्लांट बंद होने पर भी पंजाब सरकार की तरफ से थर्मल प्रबंधकों को फिक्स चार्ज देना पड़ता है, वहीं बिजली की पूर्ति के लिए पंजाब को खुले बाजार से 12.40 रुपए प्रति यूनिट और सौर ऊर्जा प्लांटों से 17 रुपए प्रति यूनिट बिजली खरीदनी पड़ रही है। 
अमन अरोड़ा ने बादलों को सवाल किया कि वह बताएं कि अकाली सरकार के समय कितने सोलर पावर प्लांट और किस किस के नाम पर लगाए थे? ऐसे सोलर पावर प्लांटों से 17 रुपए प्रति यूनिट बिजली खरीदने के लिए गैर सैद्धांतिक समझौते क्यों किये गए? उन्होंने दोष लगाया कि बादल सरकार ने कोयला थर्मल प्लांटों समेत सोलर पावर प्लांटों से भी महंगी बिजली ख़रीदने के समझौते किये हैं, जिस कारण पंजाब निवासियों की भारी आर्थिक लूट हो रही है। अरोड़ा ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मांग की है कि बादलों की तरफ से किए बिजली समझौतों के बारे में तुरंत वाइट पेपर जारी किया जाये और बिजली की सप्लाई के लिए ठोस और उचित कदम उठाए जाएं।   
 

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