चंडीगढ़,
ऑल कॉन्ट्रैक्चुअल कर्मचारी संघ चंडीगढ़ द्वारा दिए गए पत्र का संज्ञान लेते हुए चंडीगढ़ के पूर्व भाजपा अध्यक्ष और भाजपा हिमाचल के सह प्रभारी संजय टंडन ने चंडीगढ़ वन विभाग में बतौर फॉरेस्टरस और फॉरेस्ट गार्डस के पदों पर कार्यरत पूर्व सैनिकों की नौकरियों की सुरक्षा की मांग करते हुए, भारत सरकार के पर्यावरण और वन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे और चंडीगढ़ के प्रशासक वी पी सिंह बदनोर को पत्र लिखा है।
इस संदर्भ में टंडन ने पत्र में देश के सैनिकों के प्रति सहानुभूति के साथ उनकी नौकरियों को सुरक्षित रखने की मांग की है। वन विभाग में पिछले 9 वर्षों से 8 पूर्व सैनिक फॉरेस्टरस और फॉरेस्ट गार्डस के पदों पर कार्यरत हैं और अपनी सेवाएं पूरी ईमानदारी के साथ दे रहे हैं।
ऑल कॉन्ट्रैक्चुअल कर्मचारी संघ के चेयरमैन विपिन शेर सिंह ने कहा कि, संघ पूर्व सैनिकों के प्रति अपनी संवेदनशीलता दिखाने के लिए चंडीगढ़ के पूर्व भाजपा अध्यक्ष और जन नेता संजय टंडन का धन्यवाद करती है।
इसी बीच चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा वन विभाग में नई 20 पदों पर भर्तियों के लिए एक टेस्ट 1 अगस्त को करवाया गया जबकि पूर्व सैनिकों के रेगुलराइजेशन का मामला चंडीगढ़ के कैट में लंबित है और पूर्व सैनिकों को 'स्टेटस को' मिला हुआ है। इस स्थिति में विभाग द्वारा रिक्रूटमेंट टेस्ट लिए जाने से इन पूर्व सैनिकों की नौकरियों पर खतरा मंडराता नजर आ रहा है। यदि वन विभाग 20 नई रिक्रूटमेंट इन 8 कार्यरत कर्मचारियों को सुरक्षित किए बिना करता है तो यह कोर्ट की अवमानना है।
विपिन शेर सिंह ने बताया कि इन पूर्व सैनिकों की नियुक्ति पूरे रिक्रूटमेंट रूल्स के हिसाब से और विज्ञापन के द्वारा हुई तथा सारी प्रक्रियाएं अपनाई गई और फारेस्टर और फॉरेस्ट गार्ड के पद पर विभाग द्वारा आयोजित अनेक प्रशिक्षण को लेते हुए इन लोगों ने अपने काम को पूरी समर्पण भाव से किया । इसलिए विभाग आज इन सैनिकों की सेवाओं को नकार नहीं सकता और उनकी नौकरी की सुरक्षा विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। ऑल कॉन्ट्रैक्चुअल कर्मचारी संघ ने एक बार फिर जोरदार ढंग से अपनी मांग रखी है कि इन सैनिकों की नौकरी की सुरक्षा करने के बाद बाकी बचे हुए पदों पर रेगुलर बहाली की जाए।
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