• - कौशल ने कहा-लॉकडाउन में कैनेडियन सरकार हर नागरिक को 2 हजार डॉलर दे सकती है तो इंडिया में ऐसा क्यों नहीं 



चंडीगढ़। 

135 करोड़ की आबादी वाले भारत देश में अभी भी लोग बेरोजगार हैं, गरीबी हैं और इनकम के अधिक सोर्स नहीं है। वजह है ब्लैक मनी, हर काम ब्लैक मनी से होता है जिस कारण सरकार तक रेवेन्यू नहीं पहुंचता। इसका असर पड़ता है गरीब जनता पर। ये कहना है कैनेडियन सिटीजन नरेश कौशल का। नरेश कौशल चंडीगढ़ में पैदा हुए हैं और कैनेडा के सिटीजन हैं। उन्होंने ब्लैक मनी पर काबू पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका(पीआईएल) दायर की है। इस याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। 

पीआईएल में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि पूरे देश में कहीं भी प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त के लिए अगर दो पार्टीज के बीच एग्रीमेंट टू सेल बनता है तो उस डॉक्यूमेंट की रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होनी चाहिए। अभी तक देश के कई राज्यों में एग्रीमेंट टू सेल को रजिस्टर करवाना जरूरी नहीं है। इसका असर ये होता है कि प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त किसी और रकम पर होती है और रजिस्ट्री किसी और रकम पर बनवाई जाती है। लोग स्टैंप ड्यूटी पर खर्च को बचाने के लिए कम रेट पर प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री करवाते हैं जबकि एग्रीमेंट टू सेल ज्यादा रकम का होता है। इससे न सिर्फ सरकार को लाखों का चूना लगता है बल्कि अदालतों में भी विवाद बढ़ते हैं। इसलिए उन्होंने मांग रखी है कि हर प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त के लिए एग्रीमेंट टू सेल की रजिस्टर करवाना जरूरी होना चाहिए। 


लॉकडाउन में लोगों को नहीं मिली आर्थिक मदद...

एनआरआई नरेश कौशल ने कहा कि लॉकडाउन में कैनेडा की सरकार ने अपने नागरिकों को 2 हजार डॉलर प्रतिमाह दिए। लेकिन भारत सरकार ने नागरिकों को कोई आर्थिक मदद नहीं दी। इसमें गलती सरकार की नहीं, बल्कि लोगों की खुद की है। अगर लोग खुद ही टैक्स देने से बचेंगे तो सरकार उन्हें मदद कैसे मुहैया करवाएगी। इसलिए उन्होंने मांग रखी है कि एक लाख रुपए ज्यादा की हर ट्रांजक्शन कैश में नहीं होनी चाहिए। नरेश कौशल का मत है कि यदि भारत को सम्रद्ध राष्ट्र बनना है ,तो नागरिकों को खुद ईमानदारी से टैक्स देना चाहिए ,ताकि सरकार को भरपूर राजस्व मिल पाए व  विश्व के अन्य राष्ट्रों के मुकाबले में जनकल्याण व विकास सम्भव हो पाए। 


एनआरआई ने ये दिए सुझाव 

1 ) भारत के संविधान के आर्टिकल 32 के अंतर्गत एग्रीमेंट टू सेल यानी बयाना की रेजिस्ट्रेशन अनिवार्य हो

2) एक लाख रुपये से अधिक की कैश लेन देन अवैध माना जाए 

3) सभी प्रॉपर्टीज का डिजिटलाइजेशन कर पैन कार्ड से लिंक कर दिया जाए

4) छोटे किसानों को छोड़ बड़े किसानों व फार्म हाउस को इनकम टैक्स के दायरे में लाया जाए

5) छोटे व कर्जदार किसानों की एक मुश्त मदद के तहत सभी प्राइवेट लोन सरकार की ओर से चुका दिए जाएं व उस राशि को किसान की ओर इंटरेस्ट फ्री लोन माना जाए ,जो कि सिर्फ जमीन बेचने पर ही वापस करना पड़े ।

6) प्लास्टिक मनी को बढ़ावा दिया जाए , 10,000 से अधिक कैश निकलने पर कैश ट्रांसेक्शन फीस लगा दी जाए 

7) क्रेडिट व डेबिट कार्ड का पेमेंट साइकल 15 दिनों में कर दिया जाए व उन पर एक्स्ट्रा चार्ज नहीं लिया जाए

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