रूहानी जलसा विभिन्न धर्मों में शांति और मैत्री की नींव रखने वाला: तारिक अहमद के.

इस संबंध में जानकारी देते हुए अहमदिया मुस्लिम जमाअत, इंडिया के प्रैस एवं मीडिया प्रभारी तारिक अहमद के. ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि आज से 125 वर्ष पूर्व 1891 ई. में जमाअत अहमदिया के संस्थापक हजऱत मिजऱ्ा गुलाम अहमद साहिब कादियानी मसीह मौऊद अलैहिस्सलाम ने अल्लाह तआला के आदेश से विभिन्न धर्मों तथा सम्प्रदायों में शांति और सुलह की नींव डालने वाले इस रूहानी जलसा (रूहानी सम्मेलन)की शुरूआत की थी।
उन्होंने कहा कि अहमदिया मुस्लिम जमाअत जो कि ‘मुहब्बत सब के लिए, नफ रत किसी से नही’ के सिद्धांत का संदेश देती है जिसमें प्रत्येक इंसान दूसरे इंसान की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करे और मानव जाति के कल्याण के लिए एक साथ मिलकर प्रयास करे।
मुहम्मद हमीद कौसर, अहमदिया मुस्लिम जमाअत, इंडिया के सचिव ने बताया कि यह जलसा(सम्मेलन) एक रूहानी जलसा है जमाअत अहमदिया दुनिया के 209 देशों में स्थापित है इस जलसे में भाग लेने के लिए लोग कादियान, गुरदासपुर में विभिन्न 50 देशों से आयेगें। उन्होंने बताया कि इस तीन दिवसीय सम्मेलन में दूसरे दिन सर्व धर्म सम्मेलन पर विशेष सत्र आयोजित किये जायेगें, जिस में विभिन्न धर्मों के धार्मिक विद्वान अपने.अपने धर्मों की शिक्षाओं की रोशनी में शांति की स्थापना के संदर्भ में अपने विचार व्यक्त करेंगे। इन विचारों का राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय भाषाओं में अनुवाद किया जायेगा। इतना ही नही वार्षिक सम्मेलन का केंद्र बिंदु इमाम जमाअत अहमदिया हजऱत मिजऱ्ा मसरूर अहमद साहिब रूहानी ख़लीफ ा का जलसा के दर्शकों को संबोधन करना है जिस का जमाअत अहमदिया के सैटेलाइट चैनल मुस्लिम टेलीविजन अहमदिया(एमटीए)के माध्यम से सीधा प्रसारण होगा जिससे दुनिया भर के लोग लाभान्वित हो सकेगें।
अहमदिया मुस्लिम जमाअत द्वारा सभी देशवासियों को इस आध्यात्मिक जलसा में शामिल होने के आमंत्रित किया जाता है।
इस अवसर पर अब्दुल अलीम आफतान, अताउल मुजीन लोन, शेख मुजाहिद अहमद भी उपस्थित थे।
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