चण्डीगढ़, 29 दिसम्बर - वर्ष 2016 जाते-जाते पूर्व मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के गढ कहे जाने वाले रोहतक लोकसभा के चार विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा ने शानदार रैलियां करके एक ओर अपनी पकड़ मजबूत की है साथ ही ताकत भी दिखाई है तो वहीं दूसरी ओर रैलियां कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ का राजनीतिक कद भी बढ़ा गई।  
भीड़ के लिहाज से एक के बाद एक बड़ी सफल रैलियों से भाजपा नेता उत्साहित व गद्-गद् हुए तो विपक्षियों की जुबान पर भी इन सफल रैलियों की खूब चर्चा ने उन्हें सोचने पर मजबूर किया। बादली की ‘मोटा-जोटा’ रैली तो लोगों की इस कदर जुबान पर चढ़ी कि धनखड़ ने तो तोड़ बैठा दिया। क्रिसमस के दिन 16 डिग्री से भी कम कड़-कड़ाती ठंड में 25 दिसंबर को खुद हुड्डा के विधानसभा क्षेत्र कलोई-सांपला में भाजपा की विधानसभा रैली में जिस तरह से भीड़ उमड़ी , उससे राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि धनखड़ ने रोहतक लोकसभा में एक बार फिर ताकत दिखाई है।
रोहतक को हुड्डा का गढ माना जाता है। राजनीतिक हलकों में यह चर्चा अक्सर रही है। विधानसभा चुनावों में झज्जर और रोहतक जिलों में भाजपा के तीन विधायकों की जीत के बाद भाजपा का विश्वास भी बढ़ा था। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की 90 की 90 विधानसभा क्षेत्रों में विधानसभावार रैली करने की कड़ी में बेरी, बादली और झज्जर विधानसभा में एक के बाद  एक महीने में तीन रैलियां की हैं। तीनों ही रैलियों की सफलता से भाजपा उत्साहित है। 25 दिसम्बर की  रैली को लेकर उत्साह इसलिए भी बढ़ गया क्योंकि यह रैली पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के विधानसभा क्षेत्र में थी। इस रैली के साथ ही 90 विधानसभा क्षेत्रों की मुख्यमंत्री की परिक्रमा भी पूरी हो गई। गढ़ी सांपला रैली के लिये स्वयं धनखड़ ने सप्ताह भर रोहतक में ही डेरा डाला और विधानसभा के सभी गांवों का दौरा किया और लोगों ने खूब समर्थन दिया। रैली के दिन जहाँ मंच पर हरियाणा मंत्रिमंडल मौजूद था, वही जनता का सैलाब भाजपा की लोकप्रियता पर मुहर अवश्य लगा गया।
पहली रैली नवंबर में बेरी में आयोजित की गई। जिसके संयोजक विक्रम कादयान थे। बेरी के स्कूल मैदान में आयोजित रैली की सफलता से उत्साहित मुख्यमंत्री ने बेरी की कन्या महाविद्यालय की मांग पूरी करके सफलता पर मुहर लगा दी। 

बेरी के बाद भाजपा की बादली रैली 4 दिसंबर को थी। इस रैली का नाम मोटा जोटा रखा गया। नाम के अनुरूप जहां भीड़ ने मोटा जोटा मारा, वहीं मुख्यमंत्री ने भी बादली को देने में मोटा जोटा दोबारा मारा। बादली की रैली के चर्चे तो दूर तक हुए। जहां भीड़ ने कृषि मंत्री ओपी धनखड़ के कद को मोटा जोटा मारा, वहीं मंच पर पहुंचे बड़े नेताओं ने भी धनखड़ की पीठ ठोंकी। इस जबरदस्त रैली से विपक्षियों के पसीने छूटना स्वाभाविक था। बादली में अनेक परियोजनाओं के कारण यहां विकास और तेजी से होगा। इसकी घोषणा स्वयं सी एम ने की। वैसे भी बदली को एक साथ ब्लॉक, तहसील व सब डिवीजऩ बनाकर सरकार ने बादली के लिये मोटा जोटा मारा।
झज्जर विधानसभा आरक्षित विधानसभा क्षेत्र है। इस रैली पर भी लोगों की नजरें लगी थी। इस विधानसभा  क्षेत्र के सबसे बडे गांव मातनहेल में भाजपा ने रैली करने का साहस दिखाया। शहर में रैली को कामयाब करना आसान था, मगर भाजपा ने स्वयं अपने लिए चुनौती रखी। इस रैली के मद्देनजर भी कृषि मंत्री गांव-गांव पहुंचे और लोगों को न्यौता दिया। रैली के लिए जहां बिजेंद्र दलाल के नेतृत्व वाली कोर्डिनेशन कमेटी बनाई। वहीं इस कमेटी के सदस्यों ने भी खूब काम किया। इसी के चलते मातनहेल रैली भी अभूतपूर्व तरीके से सफल रही। चूंकि यह विस आरक्षित रहा है। इसलिए इस रैली के मंच पर लगी 30 कुर्सियों में से 12 इसी वर्ग के समाज के लोगों के लिए थी। मंच पर रैली में प्रदेश के मंत्री कृष्ण बेदी के अलावा नायब सैनी, राव नरबीर सिंह भी मौजूद थे। अनुसूचित वर्ग के पदाधिकारी रहे रामअवतार वाल्मिकी के अलावा पूर्व मंत्री कांता देवी, पूर्व विधायक दरियाव सिंह राजौरा, धर्मेंद्र डॉ बबलू, सुनीता चौहान, रायसिंह सहित अन्य भी मंच से संबोधन करने वालों में शामिल रहे। सांपला रैली में मुख्यमंत्री ने करीब चार सौ करोड़ रुपये की घोषणाएं तो की है परन्तु साथ ही सांपला उपमंडल का नया एसडीएम के नाम की घोषणा भी लोगों के सामने की। 

नव वर्ष की शुभ कामनाओं के साथ कृषि मंत्री श्री ओ पी धनखड़ ने कहा है कि रैलियों के बाद भाजपा की पहुंच हर शहर और हर गांव तक हुई है। भाजपा गरीब व किसान मजदूर वर्ग के साथ अन्य वर्गों की पार्टी है। इसलिए पिछले दो साल में पार्टी ने संगठनात्मक रूप से भी मजबूती पाई है। मुख्य मंत्री श्री मनोहर लाल नेे अपने मूलमंत्र सबका साथ-सबका विकास को केवल नारा ही नहीं, बल्कि 90 की 90 विधानसभा हल्कों में पहुंच कर करोड़ों की सौगात के साथ इसे चरितार्थ कर दिखाया है।

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