-कॉर्पोरेट घरानों की कठपुतली बनने की बजाए देश के अन्नदाता के लिए काम करे मोदी सरकार -भगवंत मान

-कृषि कानून वापस करवाने के संघर्ष में किसानों के साथ चट्टान की तरह खड़ी रहेगी ‘आप’ 




चंडीगढ़ (प्रवेश फरण्‍ड) 




केंद्र की मोदी सरकार द्वारा किसानों, व्यापारियों, आढ़तियों और मजदूरों को कुचलने के मंसूबे से लाए गए काले कृषि कानूनों और दमनकारी नीति के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने 14 दिसंबर को पंजाब भर में जिला स्तर पर मुख्यालयों पर किसानों के द्वारा किए जा रहे घेराव का समर्थन करने का ऐलान किया है।


पार्टी हैडक्वाटर से जारी बयान में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद भगवंत मान ने कहा कि केंद्र की भाजपा नेतृत्व वाली मोदी सरकार दुनिया में सबसे मजबूत लोकतंत्र देश को एक तानाशाही देश बनाने की नीतियों पर चल रही है। उन्होंने कहा कि अपने चहेते कॉर्पोरेट घरानों के कहने पर मोदी सरकार द्वारा लाए गए काले कानूनों के खिलाफ देश का किसान, व्यापारी, आढ़तिया और मजदूर सडक़ों पर उतरे हुए हैं, वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार किसानों की मांगों को स्वीकार करने की बजाए झूठे प्रचार और दमनकारी नीति से आंदोलन को खत्म करवाना चाहती है।


आम आदमी पार्टी प्रजातांत्रिक मूल्यों की प्रेक्षक है। केंद्र की मोदी सरकार देश की जनता की बात सुनने की बजाए अपने अकाओं के इशारों पर नाच रही है। मोदी सरकार तानाशाही नीति को अपनाते हुए बल के दम पर किसानों पर कृषि संबंधी काले कानून थोपना चाहती है, जो किसी भी क़ीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आम आदमी पार्टी किसानी संघर्ष के शुरू से लेकर अब तक इन बिलों का विरोध कर रही है और किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चट्टान की तरह खड़ी है। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने प्रदर्शन कर रहे किसानों की हर संभव मदद करने के मक़सद से अपने विधायकों और मंत्रियों को इस कार्य के लिए मैदान में उतारा हुआ है। ‘आप’ के मंत्रियों और विधायकों समेत सभी वॉलंटियर सेवादार बन कर किसानों के इस संघर्ष में सेवा कर रहे हैं।


मान ने कहा कि अपना अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रहे आंदोलनकारी लोगों का आम आदमी पार्टी पूरा समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि ‘आप’ प्रदेश भर में जिला स्तर पर केंद्र की तानाशाही सरकार के खिलाफ किसानों द्वारा मुख्यालयों का किए जा रहे घेराव का पूर्ण रूप से समर्थन करेगी। मान ने कहा कि आम आदमी पार्टी तब तक संघर्ष में डटी रहेगी जब तक सरकार काले कानूनों को वापस नहीं ले लेती।

 

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