चंडीगढ़ 


 शिक्षा विभाग ग्रुप डी यूनियन द्वारा लंबे समय से ग्रुप डी वर्करों की लंबित पड़ी मांगों को लेकर संघर्ष किया जा रहा है और इसी के चलते 4 फरवरी को यूटी सचिवालय एवं शिक्षा निर्देशक रूबिन्दरजीत सिंह बराड़ का पुतला फूंक प्रदर्शन यूनियन द्वारा किया जाना था जो शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के साथ मीटिंग के बाद अगले आदेश तक टालने का फैसला किया.

      मंगलवार को डिप्टी डायरेक्टर सुनील कुमार बेदी की अध्यक्षता में मीटिंग बुलाई गई यह मीटिंग लगभग 2 घंटे चली और इस मीटिंग में शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षा निर्देशक(DHE/DSE) रूबिन्दरजीत सिंह बराड़, डिप्टी डायरेक्टर(Dy.Dir) सुनील बेदी, जिला शिक्षा अधिकारी(DEO) नीना कालिया,ACF/A सुधीर प्राशर , सुपरिंटेंडेंट(DEO.OFFICE) अजय सूरी,स्वीकृति अधिकारी(Sanction officer) मोहिंदर सिंह एवं ग्रुप डी एजुकेशन यूनियन प्रधान रंजीत मिश्रा चंडीगढ़ यूटी सबोर्डिनेट सर्विस फेडरेशन सलाहकार कन्हैया लाल एवं महासचिव सुखबीर सिंह इस मीटिंग में शामिल हुए. मीटिंग में सभी मांगों पर विस्तार पूर्वक चर्चा हुई जिसमें मुख्य मांग मिड डे मील वर्करों की तनख्वाह, डीसी रेट वर्करों के साथ हो रहे शोषण को रोकना, पुराने लगे स्कूल एवं कॉलेजों से निकाले गए वर्करों को दोबारा नौकरी पर रखना,रेगुलर एवं आउटसोर्सिंग के मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी इन सब मांगों को मीटिंग में मौजूद सभी शिक्षा अधिकारियों की ओर से मार्च 2021 महीने तक हल करने का आश्वासन दिया जिसके बाद ग्रुप डी एजुकेशन यूनियन की ओर से किए जाने वाला 4 फरवरी को प्रदर्शन टाल दिया है और आगे के सभी धरने प्रदर्शन मार्च महीने तक टालने का फैसला किया।

    ग्रुप डी एजुकेशन यूनियन प्रधान रंजीत मिश्रा ने बताया कि जहां 5 सालों से ग्रुप डी वर्करों को शिक्षा अधिकारियों की ओर से आश्वासन दिए जा रहे हैं वहां एक महीना और आश्वासन पर विश्वास किया जाएगा अन्यथा अप्रैल महीने के शुरू में एक वर्करों की जनरल बॉडी मीटिंग की जाएगी और उस मीटिंग में मांगे ना पूरी होने पर 4 फरवरी से भी बड़ा आंदोलन चंडीगढ़ में ग्रुप डी एजुकेशन यूनियन की ओर से किया जाएगा और उस प्रदर्शन में ग्रुप डी वर्करों के साथ उनके बच्चे और परिवार के मेंबर भी सड़कों पर उतरेंगे।


Post a Comment

أحدث أقدم