- धरती नीचे पानी बचाने व बरसात का पानी संभालने के लिए तालाब का पानी लाभदायक: गांव निवासी
- तालाब का संशोधित पानी फसलों की सिंचाई व मछली पालन के लिए प्रयोग में लाया गया
उगाणी (राजपुरा/पटियाला),
हलका राजपुरा के गांव उगाणी के तालाब को नया रूप मिलने के साथ गांव के लोग बागो-बाग हैं। गांव वासियों का कहना है कि उनके गांव का दूषि पानी पहले फसलों को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ, मछली पालन पौंड में मछलियों को मारने और गांव में बीमारियां फैलाने का कार्य करता था लेकिन अब गांव के तालाब की सींचेवाल माडल तहत नीवीनीकरण के बाद पूरी तस्वीर ही बदल गई है।
कबीर सवा सौ घरों वाले गांव उगाणी के 70 से अधिक घर इस तालाब के साथ सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। जबकि गांव के तालाब पुराने रूप में था तो इसमें पड़ऩे वाले गंदे पानी का टी.डी.एस 868 था और अब इसका दूषित पानी कुदरती तरीके के साथ सींचेवाल मॉडल के साथ संशोधित किए जाने के बाद टी.डी.एस का स्तर 396 तक रह गया है। इसी तरह यह तालाब एक मिसाल बन गया है।
इस तालाब में प्रति दिन 162 क्यूबिक मीटर पानी संशोधित किया जाता है और इसकी क्षमता 1900 क्यूबिक मीटर की है। 20 सितंबर 2020 को नाभा पावर लिमटिड द्वारा जल सप्लाई तथा सीवरेज बोर्ड विभाग की मदद के साथ 20 लाख रुपए की लागत के साथ अस्तित्व में आए इस तालाब के नए रूप के साथ अब फसलों को सिंचाई के लिए पानी तथा नजदीकी मछली पालन पौंड को भी साफ पानी मिल रहा है।
गांव निवासी जीत सिंह ने कहा कि इस तालाब के नवीनीकरण के बाद उनके गांव में साफ-सफाई के पक्ष से प्रथम बन गया है तथा अब मछी-मच्छर उनको तंग नहीं करते और न ही पहले की तरह बीमारियों का खतरा उनके सिर पर मंडरा रहा है।
जबकि एक अन्य गांव निवासी अमृतपाल सिंह ने कहा कि उनके गांव के तालाब के नवीनीकरण का उनके गांव को सीधे तथा असीधे तोर पर बहुत लाभ पहुंच रहा है। उसका कहना था कि इसके साथ एक तो दिन-प्रतिदिन धरती नीचले पानी का स्तर नीचे जाने से बच गया है। दूसरा गांव का दूषि पानी साफ होने लगा है और बरसात का पानी भी संभाला जाने लगा है। गांव की सरपंच गुरप्रीत कौर ने बताया कि गांव घरों के गंदे पानी को सिंचाई व अन्य कामों के लिए प्रयोग करने योग बनाने सहित इस तालाब के रूप को संवार कर इसको बदबू से मुक्त बनाने के लिए दूषित पानी को तालाब में फैंकने से पहले स्क्रीनिंग चैंबर में से निकाला जाता है ताकि इसमें से मोटी-मोटी गंदगी साफ हो सके।
इसके बाद यह पानी तीन गहरी खुहियों में से पानी गोल तरीके के साथ घुमाकर निकाला जाता है ताकि यहां बारीक गंदगी को साफ किया जा सके। इसके बाद पानी तालाब में चला जाता है। यह पानी पशुओं के पीने व पशुओं के नहाने सहित सिंचाई के लिए प्रयोग करने योग हो जाता है। सरपंच ने बताया कि अब यह तालाब नवीनीकरण के बाद इसके आस-पास वृक्ष लगाकर वातावरण को साफ-सुथरा रखने के लिए एक सैरगाह के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
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