प्रवेश फरंड चंडीगढ़
प्रसिद्ध आयुर्वेद विशेषज्ञ गुरु मनीष जी द्वारा स्थापित शुद्धि आयुर्वेद, बाल भवन में ऑक्सीजन सुविधा के साथ 50 बेड के कोविड केयर सेंटर में 24 घंटे डॉक्टरों का सहयोग, मदद, आयुर्वेदिक COVID उपचार प्रोटोकॉल और दवाइयों के साथ ही चिकित्सा परामर्श प्रदान कर रहा है। चंडीगढ़ सेक्टर 23 में हाल ही में चंडीगढ़ प्रशासन के सहयोग से 'तेरा तेरा सेवा मिशन' द्वारा स्थापित किये गए इस सेंटर में लगातार मदद पहुंचाई जा रही है। केंद्र में रोगियों के इलाज की सफलता को देखते हुए, शुद्धि आयुर्वेद अब ज़ीरकपुर के विधायक एन के शर्मा की ज़ीरकपुर में 100 बिस्तर की सुविधा में मरीजों को संभालने के लिए लगी है।
गुरु मनीष जी ने कहा कि अब तक तेरा ही तेरा कोविड अस्पताल में आयुर्वेद के माध्यम से इलाज से लगभग 28 रोगियों ने कृत्रिम आक्सीजन चिकित्सा का सहारा लिए बिना ही अपने आक्सीजन स्तरों में सुधार कर लिया है। इन मरीजों को छुट्टी दे दी गई है। उन्होंने कहा कि मैं आयुर्वेद में अपनी सेवाओं और विशेषज्ञता की पेशकश करना चाहूंगा। चंडीगढ़, मोहाली या पंचकूला प्रशासन या ट्राइसिटी के किसी भी सामाजिक प्रतिष्ठान द्वारा शुरू किए गए इस तरह के महान उपक्रम में मैं और मेरी संस्था शुद्धि आयुर्वेद हर संभव तरीके से मानवता की सेवा के लिए तैयार हैं। आयुर्वेदिक उपचार, दवाओं और प्राकृतिक उपचार प्रणालियों ने एक बार फिर से भारत में जगह बनाई है। प्राचीन हर्बल चिकित्सा न सिर्फ प्रभावी है बल्कि यह लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली को विकसित करने में अहम योगदान निभा रही है।
गुरु मनीष जी ने अपनी टीम के अनुभवी आयुर्वेदिक डॉक्टरों और आहार सलाहकारों द्वारा एलोपैथी उपचार के आधार पर अस्पतालों में किए जाने वाले उपचारों की तुलना में काफी कम समय में रोगियों को ठीक करने के लिए तैयार एक बेहतरीन आयुर्वेदिक आहार चार्ट पर प्रकाश भी डाला।
गुरु मनीष जी ने कहा, "आयुर्वेदिक डाइट चार्ट 2-3 दिनों में मरीजों की बीमारी को ठीक कर देता है। उन्होंने बताया कि हम उन्हें मौसमी फल, सब्जी का सूप देते हैं। रोगियों को गर्म पानी में कच्ची हल्दी मिला कर गरारे करने के लिए दिया जाता है। कुछ प्रभावी जड़ी बूटियों के साथ पानी के मिश्रण से उत्पन्न वाष्प की सांस लेने की थेरेपी भी दी जाती है। जिस हर्बल चाय को हम उपलब्ध करा रहे हैं, उसमें 32 औषधीय जड़ी-बूटियाँ शामिल हैं। इसमें इलाची, दालचीनी के साथ अन्य एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। उन्होंने कहा कि साँस लेने में प्रवण स्थिति जैसी तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही 'प्राणायाम' करवाकर भी मरीजों को ठीक किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मरीजों को दिए जाने वाले आहार में अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है। आयुर्वेद में संतुलित आहार का बहुत महत्व है। आयुर्वेद के सिद्धांत 'लंघम परम औषधम् ' का अर्थ है कि नियमित अंतराल पर रुक-रुक कर उपवास करना सबसे अच्छी दवा है। डाइट चार्ट को विकसित करते समय इस बात का खास ध्यान रखा गया है। एक हल्के आहार में ज्यादा विश्वसनीयता होती है। यह आहार प्राकृतिक और पौष्टिक है। अस्पताल में भर्ती मरीजों को चावल और डेयरी उत्पाद नहीं दिया जा रहा है क्योंकि इससे रोगी में कफ की संभावना बढ़ जाती है।
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