• मानसून सत्र में योजना की खामियां दूर करते हुए अधिक से अधिक राशि सीमा बढ़ने की उम्मीद 



चंडीगढ़,  


 पंजाब सरकार की बहुप्रचारित आशीर्वाद/शगुन योजना में बड़े पैमाने पर खामियों को लेकर पूर्व जेल मंत्री सरवन सिंह फिल्लौर के बेटे एवं कांग्रेसी नेता दमनवीर सिंह फिल्लौर द्वारा प्रदेश के 34 दलित विधायकों को पत्र लिखने और इन खामियों को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के समक्ष रखने का नतीजा यह निकला कि मुख्यमंत्री ने इसका संज्ञान लिया है। जिससे पंजाब विधान सभा के आने वाले मानसून सत्र में योजना की खामियां दूर होने और अधिक से अधिक राशि सीमा बढ़ने की उम्मीद है। 


 दमनवीर सिंह फिल्लौर ने यह जानकारी देते हुए कहा  कि योजना का लाभ केवल उन परिवारों को दिया जा रहा है जिनकी वार्षिक आय 32790 रुपये से अधिक नहीं है। योजना का लाभ लेने के लिए आय सीमा एक तरह का गरीबों से मजाक है।  मनरेगा के तहत एक दिहाड़ीदार भी 269 रुपये प्रति दिन कमाता है जो उसकी एक महीने में 5300 रुपये से अधिक और प्रति वर्ष लगभग 64,000 रुपये आय बनती है। ऐसे जरूरतमंद लोग योजना का लाभ लेने के लिए अयोग्य करार दे दिए जाते हैं।  अगर दिहाड़ी मजदूर ही योजना का लाभ उठाने के पात्र नहीं हैं, तो कौन होगा। 


मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के समक्ष इस मुद्दे को उठाने वाले फिल्लौर ने पंजाब के सभी 34 एससी विधायकों को एक पत्र के माध्यम से योजना में खामियों के कारण एससी समुदाय के साथ हो रहे अन्याय खिलाफ अपने अभियान में मदद करने का आग्रह भी किया है। 


 उन्होंने बताया कि शगुन या आशीर्वाद योजना, एक गरीब परिवार को लड़की की शादी पर पंजाब सरकार की तरफ से 51000 रुपये देने के लिए शुरू की गई थी। लेकिन योजना का लाभ लेने के लिए वार्षिक आय 32790 रुपए से अधिक न होना रखा गया। इसी कारण पंजाब के हजारों लोग अभी भी इस योजना का लाभ उठाने से वंचित हैं। विधान सभा मानसून सत्र में सभी एससी विधायक इन खामियों को दूर करने का मुद्दा जोर-शोर से उठाएं। 


गौरतलब है कि दमनवीर फिल्लौर पंजाब और यहां के लोगों की भलाई के लिए  समय समय पर अहम मुद्दों को उठाते आ रहे है।  उन्होंने बताया कि वे इन मुद्दों को जल्द से जल्द समाधान के लिए पंजाब सरकार और कांग्रेस के उच्च पदाधिकारियों के समक्ष भी रख रहे हैं। 


 वे आगे बोले कि पंजाब में 117 विधायक हैं जिनमें से 34 विधायक आरक्षित वर्ग के हैं। एससी समुदाय के सभी 34 विधायकों को पंजाब विधानसभा के आगामी मानसून सत्र में आशीर्वाद योजना में खामियों को लेकर सवाल पूछने चाहिए ताकि योजना में शोध हो सके और बड़ी संख्या में समाज में रहते गरीब परिवार इसका फायदा ले सकें।

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